अफगानिस्तान की सीमा से सटे उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में शनिवार को आत्मघाती विस्फोट की घटना सामने आई है. इसमें सुरक्षाबलों के दो जवान मारे गए हैं और 19 अन्य घायल हो गए हैं. ये घटना कबायली जिले हुई. आत्मघाती हमलावर बाइक पर सवार था और उस पर विस्फोटक लादकर आया था. उसने सुरक्षाबलों के काफिले को निशाना बनाया.
बीडीएस (बम निरोधक दस्ते) के प्रभारी इनायतुल्लाह टाइगर ने बताया कि सुरक्षाबलों का काफिला दक्षिण वजीरिस्तान की तरफ जा रहा था. जब जवान डेरा इस्माइल खान जिले के चाकन इलाके में पहुंचा तो हमलावर ने उन पर अटैक कर दिया. दो सुरक्षाकर्मी मारे गए और 19 अन्य घायल हो गए. इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है. घायलों को पेशावर के संयुक्त सैन्य अस्पताल में रिफर कर दिया गया है.
पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और सुरक्षा एजेंसियों ने हमले की जांच शुरू कर दी है. फिलहाल, किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. इससे पहले बुधवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान में दत्ता खेल बाजार में एक आत्मघाती हमलावर ने अटैक किया था. उसने विस्फोटकों से लदी कार से एक सुरक्षा चौकी को निशाना बनाया था.
अब शनिवार का यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुआ, जो अफगानिस्तान की सीमा से लगा हुआ है और आतंकवादी पाकिस्तानी तालिबान ग्रुप का एक गढ़ माना जाता है, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी के रूप में भी जाना जाता है. 30 जनवरी को तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने पेशावर की एक मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान खुद को उड़ा लिया था, जिसमें 101 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हो गए थे.
पाकिस्तान आतंकवाद की लहर से प्रभावित हुआ है. ज्यादातर देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हमले के मामले सामने आते रहे हैं, इसके अलावा, बलूचिस्तान, पंजाब के मियांवाली शहर और सिंध प्रांत में भी आतंकवादी हमले की घटनाएं हुई हैं. पिछले साल नवंबर में टीटीपी ने जून 2022 में सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम को वापस ले लिया और अपने आतंकवादियों को सुरक्षा बलों पर हमले करने का आदेश दिया है.
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि सत्ता में आने के बाद अफगान तालिबान टीटीपी के गुर्गों को बाहर निकाल दिया जाएगा और पाकिस्तान के खिलाफ अपनी ही मिट्टी का इस्तेमाल करने की कोशिशों पर विराम लग जाएगा, लेकिन यह प्रयास परवान नहीं चढ़ सका है. इससे पहले 2007 में कई उग्रवादी संगठनों के एक ग्रुप के रूप में स्थापित टीटीपी ने पाक सरकार के साथ संघर्ष विराम को समाप्त कर दिया था और अपने आतंकवादियों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया था.
टीटीपी ग्रुप को अल-कायदा का करीबी माना जाता है और पाकिस्तान में कई घातक हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है. उस पर 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद में मैरियट होटल में बमबारी का भी आरोप है. टीटीपी ने 2014 में पेशावर में जघन्य आर्मी पब्लिक स्कूल हमले को भी अंजाम दिया था, जिसमें 130 से अधिक छात्र मारे गए थे.