मुजफ्फरनगर। सियासी मंचों पर लंबे समय से पुरकाजी को तहसील का दर्जा दिलाने का मुद्दा गूंजता रहा है। विधानसभा के दूसरे सत्र में रालोद विधायक अनिल कुमार की ओर से पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया है कि मानक अधूरे होने के कारण पुरकाजी को तहसील बनाया जाना औचित्यपूर्ण नहीं है।
रालोद विधायक ने बताया कि उन्होंने विधानसभा में लिखित प्रश्न के माध्यम से मुख्यमंत्री से पूछा था कि क्या सरकार सदर विधानसभा के दो भाग कर पुरकाजी को तहसील बनाने पर विचार करेगी। इस पर जवाब मिला है कि मानक अधूरे हैं। सदर तहसील में कुल 273 राजस्व ग्राम और 101 लेखपाल क्षेत्र हैं। पुरकाजी को प्रस्तावित नवसृजित तहसील बनाने के लिए राजस्व निरीक्षक पुरकाजी के 10, शेरखुर खादर के 10 और छपार के पूर्ण सात लेखपाल क्षेत्र अर्थात कुल 27 क्षेत्र ही शामिल हो सकते हैं। जबकि नई तहसील के लिए 100 से 120 लेखपाल क्षेत्र का मानक निर्धारित है। इसी वजह से पुरकाजी को तहसील बनाना औचित्यपूर्ण नहीं है।
पुरकाजी सुरक्षित सीट से रालोद विधायक अनिल कुमार ने सवाल पूछा था कि रोहाना कलां पुलिस चौकी को क्या थाना बनाने की योजना है। इस पर जवाब दिया गया है कि इस पर कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित ही नहीं है।
खादर क्षेत्र में ठोकर बनाने की योजना नहीं
सोलानी नदी के दाएं किनारे पर पुरकाजी खादर में 11075 लाख रुपये की योजना प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश राज्य बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थायी संचालन समिति की 52वीं बैठक दो दिसंबर 2019 को हुई। पांच सितंबर 2022 को टेक्नो इकोनॉमिक अप्रेजल क्लीयरेंस ऑफ द स्कीम प्रदान की गई है। केंद्रीय जल आयोग की तकनीकी सलाहकार समिति के अनुमोदन की प्रक्रिया चल रही है। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि खादर क्षेत्र में ठोकर बनाने की कोई योजना नहीं है।