
लखनऊ। यूपी के कईं जिलों में हवा जहरीली हो चुकी है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कईं जिलों में हो हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है।
प्रदेश के जिलों को प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ रहा है. सोमवार को मेरठ, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में बारिश होने के प्रदूषण स्तर कम हुआ. इस समय ज्यादातर जिलों का एक्यूआई लगभग 200 अंक के पार पहुंच गया.
सभी जिलों का प्रदूषण स्तर बढ़ गया. सर्दियों के मौसम में हर साल प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. वायु प्रदूषण के कारण तमाम बीमारियां होती है, जिसमें स्किन एलर्जी, अस्थमा, आंख इन्फेक्शन शामिल हैं. लेकिन, फॉग व प्रदूषण स्तर काफी कम हो गया है.
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रात आठ बजे की रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद का एक्यूआई 358, नोएडा का एक्यूआई 319, मेरठ का एक्यूआई 365, मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 247, प्रयागराज का एक्यूआई 215, गोरखपुर का एक्यूआई 194, वाराणसी का एक्यूआई 162, नोएडा का एक्यूआई 275, प्रतापगढ़ का एक्यूआई 132, लखनऊ का एक्यूआई 197, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 324, कानपुर का एक्यूआई 101 और वृंदावन का एक्यूआई 108 है.
राजधानी लखनऊ के इंडस्ट्रियल क्षेत्र का प्रदूषण स्तर के मामले में हमेशा हाल खराब रहता है. यहां पर हमेशा प्रदूषण स्तर बढ़ा रहता है. लेकिन, सोमवार को बारिश होने के बाद प्रदूषण स्तर कम हो गया है. ताल कटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 186, केन्द्रीय विद्यालय लखनऊ का एक्यूआई 239, लालबाग का एक्यूआई 249, गोमतीनगर का एक्यूआई 144, अंबेडकर नगर विवि का एक्यूआई 168 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 192 हैं.
यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चन्द्र शुक्ला ने कहा कि बीते दिन की तुलना में शनिवार को बारिश होने के बाद सभी जिलों का प्रदूषण स्तर काफी कम हो गया है. हालांकि, यह बारिश होने के बाद हुआ है।
प्रदूषण स्तर को कंट्रोल करने के लिए नगर निगम की मदद से फॉगिंग करायी जा रही है. इस समय मौसम साफ हुआ है. प्रदूषण स्तर पहले के मुकाबले कम हो गया है. अब आम पब्लिक को यह समझना होगा कि दिवाली पर पटाखे जलाने से प्रदूषण बढ़ता है।
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