जलालाबाद। पुलिस भले ही अपराध मुक्त क्षेत्र के कितने ही दावे करती हो, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में पुलिस की लापरवाही की कलई खुली है। हैरत की बात है कि पिछले कुछ दिनों के भीतर ही इस क्षेत्र में महिला की हत्या के अलावा दो लूट की घटनाओं को भी अंजाम दिया जा चुका है। बावजूद इसके पुलिस यहां अपराध रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि महिला की हत्या कहां हुई। लेकिन जिस जगह पर महिला का प्लास्टिक के बोरे में शव बरामद हुआ। उससे पुलिस की गश्त एक बार फिर सवालों के घेरे में है। 20 दिन पहले इसी मार्ग पर अलीपुरा गांव से वापस अपने गांव हसनपुर लुहारी जा रहे फोटोग्राफर से तीन बदमाशों ने कैमरा और मोबाइल लूट लिया था। हालांकि पुलिस इस घटना का खुलासा कर चुकी है। लेकिन लूट की घटना होना पुलिस के इकबाल पर सवाल खड़ा करता है। तीन महीने पहले भी इस्माइलपुर से हसनपुर लुहारी आ रहे एक युवक से अज्ञात बदमाशों ने 15 हजार रुपये लूट लिए थे। तब पुलिस ने मामला दबा दिया था।
लेकिन अब फिर उसी क्षेत्र से महिला का शव बरामद होना पुलिस की नाकामी दर्शा रहा है। एक सवाल यह भी है कि एक तरफ तो पुलिस इस मार्ग पर लगातार गश्त के दावे करती है और दूसरी तरफ यहां संगीन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। इसका जवाब शायद अभी पुलिस के पास नहीं है। खैर, अब देखना यह है कि पुलिस महिला की शिनाख्त कर इस घटना का खुलासा कर पाती है या फिर इस महिला की मौत या हत्या सिर्फ एक राज बनकर दफन हो जाती है।
जिस जगह पर महिला का शव फेंका गया। वह क्षेत्र अपराध के लिए सुरक्षित माना जाता है। क्योंकि जिस जगह महिला का शव बरामद हुआ। वह स्थान शामली जिले के अंतर्गत आता है। इसके नजदीक ही दांईं ओर 500 मीटर चलने पर मुजफ्फरनगर की सीमा शुरू हो जाती है। इसके अलावा यदि इस मार्ग पर एक किलोमीटर सीधे चले जाएं तो सहारनपुर जिले के जड़ौदा पांडा थाना क्षेत्र की सीमा शुरू हो जाती है। तीन जिलों की सीमा होने के कारण यहां अपराधी आराम से घटनाओं को अंजाम दे जाते हैं और पुलिस सीमा क्षेत्र के चक्कर में उलझ जाती है।