शामली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम आदर्श योजना में गांवों का चयन तो कर लिया, लेकिन तीन साल बीतने पर भी इनके विकास के लिए बजट नहीं भेजा गया। चयनित गांवों में बीस-बीस लाख रुपये से विकास होना था। मंडल के चयनित गांवों में किसी को भी बजट नहीं मिला। शामली और मुजफ्फरनगर में नौ-नौ व सहारनपुर में दस गांव चयनित किए गए थे। यह गांव विकास के लिए बजट का इंतजार कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री ग्राम आदर्श योजना का शुभारंभ किया था। इसके तहत गांवों को चयनित कर उनका विकास कराना था। समाज कल्याण विभाग को ही इसका बजट भेजा जाना था। योजना के तहत गांवों में पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, समाज सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें और आवास, विद्युत और स्वच्छ ईंधन, कृषि पद्धतियां आदि, वित्तीय समावेशन, डिजिटलीकरण, एवं जीवन-यापन और कौशल विकास से संबंधित विकास कार्य कराए जाने थे। वर्ष 2019-20 में नौ गांवों का चयन करने के बाद आज तक एक भी रुपया बजट के लिए नहीं भेजा गया। ग्रामीणों को गांव के विकास की उम्मीद जगी थी, जो धरी रह गई। अधिकारी बजट के लिए शासन को कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आता है।

प्रधानमंत्री ग्राम आदर्श योजना में पहले तो बजट आया नहीं अब एक बार फिर आठ गांवों का चयन करने के लिए शासन प्रस्ताव तैयार कर रहा है। शासन ने आठ गांवों की चयनित सूची की सूचना समाज कल्याण विभाग को भेज दी है, लेकिन अभी तक वह फाइनल नहीं हुई है। जल्द ही चयनित आठ गांवों के नाम पर मोहर लग सकती है।

शामली जनपद के ऊन ब्लॉक के याहियापर, खेड़ी जुनारदार, होशंगपुर, अलाउदीनपुर, औदरी, थाना भवन के अहमदपुर, खानपुर, जानीपुर, युनूसपुर चयनित किए गए थे। इसके अलावा सहारनपुर से देवबंद देहात, ननौता देहात, लाखनौर मुश्त, रघुनाथपुर, औलरा, अंबौली, टपरी, अनंतमाव, कांकरकुई, साखन खुर्द और मुजफ्फरनगर से खेड़की, मंधेरा, सुकरतारी, जलालपुर मीला, भैसानी, अब्दुलपुर, बाडनगर, अकबागढ़, जंधेड़ी जाटान शामिल है।

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत नौ गांवों को बीस-बीस लाख रुपये का बजट मिलना था, लेकिन किसी कारण से वह नहीं मिल सका। यह नहीं पता है कि क्यों चयनित गांव के लिए बजट नहीं भेजा गया। यह केंद्र सरकार से चयनित हुए थे। अब शासन से सूचना मिली है कि आठ गांवों का चयन किया जा रहा है। – शंभूनाथ तिवारी, सीडीओ शामली।