लखीमपुर खीरी। निघासन थाना क्षेत्र के एक गांव में दो सगी बहनों की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में बुधवार देर रात मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। परिजनों की मौजूदगी में गुरुवार की दोपहर हुए पोस्टमॉर्टम में दोनों बहनों के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है।
उधर, घटना के बाद से पीड़ित परिवार में मातम पसरा है। सपा, बसपा व कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिजनों के घर जाकर उनसे मुलाकात की और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। इस बीच परिजन ने नौकरी और मुआवजे की मांग की, जिस पर देर शाम प्रशासन के आश्वासन पर परिजन ने अंतिम संस्कार कर दिया। हालांकि अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस अपनी जांच कब तक खत्म कर पाएगी और कब तक दोषियों को सजा दिलाने में कामयाब हो पाएगी? क्योंकि अक्सर देखा गया है कि इस तरह के मामले सालों तक कचहरी में लंबित पड़े रहते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय मिलने से लंबा वक्त लग जाता है।
बुधवार की रात आईजी लक्ष्मी सिंह के पहुंचने के बाद करीब एक बजे परिजनों में गांव के ही मुख्य आरोपी छोटू व तीन अन्य अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी थी, जिसमें एक बजकर 19 मिनट पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी थी। रात में ही आरोपी छोटू समेत कुछ अन्य लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। सुबह नौ बजे एसपी संजीव सुमन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि घटना को छह लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है, जिसमें सभी छह आरोपी छोटू, सुहैल, जुनैद, हफीजुर्रहमान, छोटे और करीमुद्दीन को गिरफ्तार किया गया है।
एसपी ने बताया कि सुहेल और जुनैद ने दुष्कर्म करने की बात स्वीकारी है। इसमें जुनैद की गिरफ्तारी गुरुवार की सुबह 8ः30 बजे मुठभेड़ के दौरान हुई। एसपी ने बताया कि निघासन पुलिस व स्वाट टीम की मुठभेड़ में जुनैद निवासी लालपुर के पैर में गोली लगी। आरोपी को गिरफ्तारी कर उसके पास से एक तमंचा, दो जिंदा कारतूस, एक खोखा कारतूस व घटना के प्रयुक्त मोटरसाइकिल बरामद की गई है। एसपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पोस्टमॉर्टम कर रहे तीन डॉक्टर के पैनल ने अपनी रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या और दुष्कर्म की पुष्टि की है।
उधर, पीएम के बाद जब गुरुवार की दोपहर में दोनों बहनों का शव घर पहुंचा तो घर में चीख पुकार मच गई। सपा नेता जूही सिंह, बसपा एमएलसी भीमराव अंबेडकर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रह्लाद पटेल समेत तमाम लोगों ने परिजनों से मुलाकात की और पुलिस व प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला। इस बीच शाम तक कई बार पहल के बावजूद अंतिम संस्कार पर कोई निर्णय नहीं हो सका था। परिवार वालों की एक सदस्य को नौकरी, एक करोड़ मुआवजा व दोषियों को फांसी की मांग की। देर शाम छह बजे डीएम और एसपी के आश्वासन पर परिजनों ने दोनों पुत्रियों का अंतिम संस्कार कर दिया।