शामली। पीएफआई सदस्य मौलाना साजिद की देश विरोधी गतिविधियों में गिरफ्तारी के बाद आरोपी की पत्नी मौजूदा ग्राम प्रधान के वित्तीय कार्यों पर प्रशासन नजर बनाए हुए है। प्रधान द्वारा कराए गए विकास कार्यों की जांच शुरू कर दी गई है। जांच में यदि सरकारी धन का दुरुपयोग पाया गया तो प्रधान पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।
एनआईए व एटीएस ने बीती गुरुवार देर रात कैराना क्षेत्र के गांव मामौर में छापा मारा था। यहां से मौजूदा ग्राम प्रधान पति मौलाना साजिद को हिरासत में लिया था। इसके अतिरिक्त थानाभवन थाना क्षेत्र के गांव सोंटा रसूलपुर निवासी मोहम्मद शादाब को भी उठाया था। दोनों के पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से जुड़े होने और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होकर देश को खंडित कर इस्लामिक राष्ट्र बनाने के षड्यंत्र खुलासा हुआ था।
इनके अतिरिक्त दो अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए गए थे। उनके विरुद्ध मेरठ के थाना खरखौदा में संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। उधर, मौलाना साजिद की गिरफ्तारी के बाद आरोपी की प्रधान पत्नी द्वारा गांव में कराए गए विकास कार्यों पर प्रशासन की कड़ी नजर है। प्रशासन की ओर से गांव में विकास कार्यों की जांच शुरू करा दी गई है। यदि जांच में गड़बड़ी मिली तो ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकारों पर संकट आ सकता है।