कंबोडिया. भारत हिंदू आबादी वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है. हिंदू धर्म की जड़ें भारत में ही समाई हुई हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हिंदुओं का सबसे बड़ा पूजा स्थल, यानी कि दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर भारत में नहीं है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन यहां हिंदू बड़ी संख्या में रहते हैं, इसलिए यहां कदम-कदम पर मंदिर देखने को मिलते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर भारत में नहीं बल्कि भारत से लगभग 4800 किलोमीटर दूर स्थित कंबोडिया में है. दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया के अंकोर में स्थित अंकोरवाट मंदिर है. अंकोरवाट का निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय ने करवाया था. यह मंदिर 12वीं सदी में बना था.
आइए जानते हैं कंबोडिया इतिहास के बारे में
कंबोडिया के कल्चर की ही तरह वहां का इतिहास भी काफी रोचक है. कंबोडिया का पुराना नाम कंबोज देश था. यहां कुल 27 राजाओं ने शासन किया. जिनमें से कुछ हिंदू थे और कुछ बौद्ध. माना जाता है कि ये पहले हिंदू राष्ट्र था. उसके बाद बौद्ध राजाओं ने शासन किया और कंबोडिया बौद्ध राष्ट्र हो गया. अभी कंबोडिया में लगभग 97 प्रतिशत बौद्ध रहते हैं. हालांकि इस्लाम समेत हर धर्म के लोग यहां रहते हैं.
कुछ रोचक तथ्य अंकोरवाट के बारे में
-अंकोरवाट में दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है. जिसमें भगवान विष्णु की मूर्ति है.
-अंकोरवाट का मंदिर बेहद सुंदर मीकांक नदी के किनारे हैं जहां शांत वातावरण होता है.
-ये मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है.
-अंकोरवाट मंदिर पर रामायण और महाभारत की चित्रकारी देखने को मिलती है जो हिंदू धर्म के गौरवशाली इतिहास को बयां करती है.
-अंकोरवाट में जगह-जगह पर मंदिर हैं यहां हर थोड़ी दूरी पर आपको भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के मंदिर देखने को मिल जाएंगे.
-अंकोरवाट का मंदिर 162.6 हेक्टेयर जमीन यानी कि 402 एकड़ में फैला हुआ है.
-अंकोरवाट का पुराना नाम यशोधरपुर था.
-एक किवदंती ये भी है कि अंकोरवाट मंदिर का निर्माण एक महल के तौर पर किया गया था. इसको स्वयं भगवान इंद्र ने अपने बेटे के लिए बनवाया था.