लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में विधानसभा की 6 सीटें हैं. इनमें पिछले चुनाव में 4 विधानसभा सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवारों को जीत मिली, 2 सीट बीजेपी के खाते में गईं थी. अब उपचुनाव मे खतौली विधानसभा सीट पर बीजेपी का सीधा मुकाबला राष्ट्रीय लोक दल पार्टी से है.
पिछले महीने बीजेपी के विधायक विक्रम सिंह को वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े मामले में दोषी ठहराये जाने एवं दो साल की सजा दिये जाने के मद्देनजर इस सीट पर चुनाव अनिवार्य हो गया था. दोषी ठहराये जाने के बाद सिंह को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था और हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा ने इसे अधिसूचित कर दिया था.
सितंबर 2013 में कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं के भड़काऊ भाषण के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक हिंसा शुरू हो गई थी . इसमें कम से 60 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग दंगे के दौरान पलायन कर गए थे.
खतौली विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 5 दिसंबर को होना है. इस सीट पर बीजेपी की पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी का सीधा मुकाबला राष्ट्रीय लोक दल पार्टी के मदन भैया से है. मदन भैया को रालोद-सपा गठबंधन के उम्मीदवार घोषित किया गया था.
मदन भैया की उम्मीदवारी की घोषणा रविवार को रालोद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से की गई थी. इसी सीट पर कांग्रेस और बसपा ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारें हैं.
बता दें ओडिशा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ (प्रत्येक में एक-एक सीट पर) तथा उत्तर प्रदेश के एक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव भी पांच दिसंबर को होना है. खतौली विधानसभा सीट एवं अन्य सीटों पर उपचुनाव सहित गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव की मतगणना आठ दिसंबर को होगी .