अगर आप अच्छी नींद नही ले रहे हैं तो आप समय से पहले बूढ़े हो सकते हैं। नींद के दौरान शरीर में सभी प्रकार के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का चक्र चलता रहता है। इसी समय शरीर सभी द्रव्यों को संतुलित कर उसे नई दिन के लिए एक्टिव मोड के लिए तैयार करता है। अच्छी नींद के जरिए ही शरीर आपको बेहतर स्वस्थ जीवन शैली और तंदुरूस्ती की ओर ले जा पाने में समर्थ होता है।
फिटनेस गुरु एंड होलिस्टिक एक्सपर्ट मिकी मेहता के अनुसार, खराब जीवनशैली और काम के बढ़ते बोझ की वजह से बहुत से लोग पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं। इससे आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पूरी नींद नहीं लेने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित करता है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के दिशा-निर्देश भी सलाह देते हैं कि स्वस्थ वयस्कों को समग्र विकास के लिए रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद की जरूरत होती है।
मिकी मेहता के अनुसार, अगर आपको रात में गहरी नींद नहीं मिल रही है, तो उसका सबसे बड़ा कारण गलत खान-पान और खाने का गलत समय है। कैफीन का अत्यधिक सेवन, मोबाइल या लैपटॉप का अत्यधिक प्रयोग, मादक पदार्थो का सेवन नींद को प्रभावित करते हैं। आपको रात को जल्दी भोजन करना चाहिए ताकि भोजन सोने से पहले ही पच सके। ध्यान रहे कि रात के समय पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। अगर आप नींद की समस्याओं से जूझ रहे हैं, आपको नीचे बताए योगासन करने चाहिए।
बालासन या बाल मुद्रा छाती में तनाव मुक्त करने में मदद करता है, पीठ और रीढ़ को आराम देता है और कंधों और हाथों में तनाव कम करता है।
शवासन या शव मुद्रा तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, पाचन और प्रतिरक्षा प्रणाली को सहायता करता है, तनाव, सिरदर्द, थकान और चिंता को कम करता है और रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।
पादहस्तासन या स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड पोज पाचन अंगों की मालिश करता है, पेट फूलना, कब्ज और अपच को कम करता है, चयापचय में सुधार करता है और नाक और गले के रोगों में मदद करता है।
बद्ध कोणासन या बाउंड एंगल पोज आंतरिक जांघों, कमर और घुटनों में लचीलेपन में सुधार करता है, मासिक धर्म की परेशानी को शांत करता है और पाचन समस्याओं को ठीक करता है।
एक पाद उत्तानपादासन या सिंगल लेग रेज्ड पोज पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है, पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन अंगों के कामकाज में सुधार करता है।