मेरठ. मेरठ सैन्य क्षेत्र स्थित रिमाउंट वेटरनरी कॉर्प्स यानी आरवीसी द्वारा प्रशिक्षित किए दो श्वान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एसपीजी की सुरक्षा का हिस्सा बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की एसपीजी की सुरक्षा में तैनात होने वाले दोनो श्वान मुधोल हाउंड स्वदेशी नस्ल के हैं। इन दोनों को मेरठ आरवीसी मेरठ टीम द्वारा ट्रेनिंग देने के बाद पीएम के सुरक्षा दस्ते एसपीजी में शामिल किए गया है। इन दोनों श्वानों को कठिन प्रशिक्षण दिया गया है। आरवीसी में कठिन प्रशिक्षण के बाद ही इन्हें एसपीजी को सौंपा गया है। इन दोनों श्वानों को अभी एसपीजी की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले इस श्वान की नस्ल का देश की तीनों सेनाओं में प्रयोग किया जा चुका है।

आरवीसी के सूत्रों के मुताबिक पहली बार स्वदेशी नस्ल मुधोल हाउंड नस्ल के श्वानों को प्रशिक्षण देकर एसपीजी की सुरक्षा टुकड़ी में शामिल किया जा रहा है। इससे पहले आरवीसी ने लैब्राडोर और जर्मन शैफर्ड को लंबे समय तक प्रशिक्षित किया। जिन्होंने देश के कई सैन्य आपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।आरवीसी के अनुसार वर्ष 2016 में इन श्वानों को भारतीय सेना के दस्ते में प्रशिक्षण के लिए शामिल किया गया था। यहां तीन सप्ताह का बेसिक और 36 महीनों का कठिन प्रशिक्षण दिया गया। सभी मानकों पर परखने के बाद इस नस्ल के श्वानों को पीएम की सुरक्षा दस्ते में शामिल करने योग्य माना है। प्रशिक्षण पाने वाले श्वानों को कर्नाटक के कैनाइन रिसर्च एंड इनफोर्मेशन सेंटर सहित अन्य जगहों पर भेजा गया। इन्हीं में से दो स्वान कर्नाटक के रिसर्च सेंटर के माध्यम से एसपीजी को सौंपे गए।

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आरवीसी में मुधोल हाउंड स्वदेशी नस्ल के इन श्वानों की ट्रेनिंग सुबह तीन बजे शुरू होती थी। जो कि 6 बजे तक चलती थी। इसके बाद इनको रेस्ट दिया जाता था। इसके बाद शाम को फिर से दोनों श्वान चार बजे से आरवीसी की ट्रेनिंग का हिस्सा बनते थे। शाम केा भी इनकी ट्रेनिंग काफी कड़ी होती थी। ट्रेनिंग के दौरान हर 30 मिनट बाद इन श्वानों को कुछ रेस्ट दिया जाता था। उसके बाद फिर से कठिन ट्रेनिंग की शुरूआत होती थी। आरवीसी के ट्रेनर्स का कहना है कि इस देसी नस्ल के श्वानों को ट्रेनिंग देना काफी कठिन काम होता है। इनको सीखने में थोड़ा समय जरूर लगता है। लेकिन जब ये ट्रेंड हो जाते हैं तो सभी किस्म के श्वान की नस्लों को फेल कर देते हैं।