भारत में पिछले कुछ सालों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. डायबिटीज की बीमारी एक तरह का मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या उसे इसका ठीक से उपयोग करने में दिक्कत होती है. नतीजतन शरीर में इंसुलिन की कमी से शुगर का स्तर बढ़ने लगता है जो किडनी, स्किन, हृदय, आंखों और ओवरऑल पूरी हेल्थ को प्रभावित करता है.
डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन बच्चे, किशोर और युवा वयस्क टाइप 1 डायबिटीज से अधिक प्रभावित होते हैं जबकि टाइप 2 डायबिटीज 40 वर्ष की आयु के बाद के वयस्कों में अधिक घेरती है. यह बीमारी किडनी और दिल की बीमारियों का भी एक बड़ा रिस्क फैक्टर है.
क्या आप जानते हैं कि हम सभी के शरीर में ब्लड शुगर घटता-बढ़ता रहा है लेकिन हमें इसका एहसास नहीं होता क्योंकि शरीर में स्वस्थ इंसुलिन का स्तर उस शुगर को संतुलित कर रखता है.
वास्तव में हमारा लिवर हमारे शरीर को दिन के लिए तैयार करने और इसे अधिक सक्रिय बनाने के लिए ब्लड शुगर रिलीज करता है. यही कारण है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को सुबह हाई ब्लड शुगर महसूस हो सकती है और उनमें गले और मुंह में शुष्की, रात भर बार-बार पेशाब करने के बाद भी पेशाब की थैली का भरा होना, नजर की कमजोरी और भूख जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं.
कई लोगों को डायबिटीज का पता चलने से पहले ही थकान, नींद आना, नजर में कमजोरी, फंगल इंफेक्शन और फोड़े जैसे लक्षण दिख सकते हैं. ऐसे में व्यक्ति को शरीर में होने वाले सभी परिवर्तनों पर ध्यान देने और बीमारी के बिगड़ने से पहले उसकी जांच और इलाज कराना चाहिए.
डॉक्टर कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि सुबह दिखने वाले ये लक्षण दिन में नहीं दिखते. खुजली, थकान, कमजोरी, ज्यादा भूख लगना, ज्यादा प्यास लगना दिन और रात दोनों में हो सकता है. वजन कम होना, ठीक ना होने वाले घाव, प्राइवेट पार्ट में खुजली ये सभी लक्षण आपको दिन भर भी महसूस हो सकते हैं.
अत्यधिक भूख लगना, अचानक वजन कम होना, हाथों या पैरों में झुनझुनी, थकावट, कमजोरी, शुष्क त्वचा, घावों का धीरे-धीरे भरना, अत्यधिक प्यास लगना, विशेष रूप से रात में बहुत अधिक पेशाब आना, संक्रमण, बालों का झड़ना टाइप 2 डायबिटीज के आम लक्षण हैं. वहीं, टाइप 1 डायबिटीज में लोग मतली, पेट दर्द, उल्टी जैसे लक्षण भी महसूस करते हैं.