मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर पालिका परिषद को नगर निगम बनाए जाने की 20 साल की कवायद का परिणाम कैबीनेट की बैठक में सीमा विस्तार के प्रस्ताव की मंजूरी के रूप में सामने आया। शहर की मौजूदा जनसंख्या 3.92 लाख है। शासन के फैसले से अब शहर से सटे 11 गांव के 1.78 लाख लोगों को शहरी का दर्जा मिल गया। जिससे जनसंख्या 5.60 लाख पर पहुंच गई। नगर पालिका के रक्बे में भी 4524 हेक्टेअर का इजाफा हुआ।
मुजफ्फरनगर शहर की सीमा से सटे 15 गांवों (4आंशिक) को शहर में शामिल कर नगर निगम बनाए जाने का प्रस्ताव 20 सानल पुराना है। यह प्रस्ताव गत पांच बोर्ड के सामने समय-समय पर रखा गया। जिसको बहुमत से मंजूरी भी मिली। कारण साफ था कि नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा मिल जाए। 20 वर्ष पहले नियम था कि 5 लाख की जनसंख्या वाली पालिका को ही नगर निगम का दर्जा दिया जा सकता है। इसलिए कपिल देव अग्रवाल के पालिका चेयरमैन रहते भी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया। जिसके उपरांत संबंधित गांव के प्रधानों से भी एनओसी ली गई। यही कवायद पंकज अग्रवाल के चेयरमैन रहते हुई। लेकिन परवान चढ़ी अंजु अग्रवाल के पालिका चेयरपर्सन रहते। लेकिन शासन से सिर्फ सीमा विस्तार को हरी झंडी मिली और नगर निगम का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। लिहाजा पिछले दिनों शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने शहर से सटे 15 गांव के प्रधानों से आपत्ति मांगी थी। लेकिन सिर्फ 6 ने ही प्रस्ताव के विरुद्ध अपनी मंशा जाहिर करते हुए डीएम को लिखित प्रत्यावेदन दिया था। शासन ने सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए कैबीनेट की बैठक में अंतत: मुजफ्फरनगर पालिका परिषद की सीमा विस्तार का निर्णय लिया।
कैबीनेट के फैसले से नगर पालिका परिषद की सीमा से सटे 11 गांव जिनमें मीरापुर, सूजड़ु, मंधेड़ा, खांजापुर, वहलना, शाहबुद्दीनपुर, सरवट, कूकड़ा, अलमासपुर, बीबीपुर तथा सहावली की आबादी सहित रकबा भी पूरी तरह शहर में शामिल किया गया है। इन सभी गांवों की आबादी 1.78 लाख है। जबकि सीमा विस्तार के तहत बिलासपुर, मुस्तफाबाद तथा शेरनगर का रकबा शामिल किया गया है। इन ग्राम पंचायतों का अस्तित्व बना रहेगा।
अधिसूचना के अनुसार इनमें गांव सूजडू के 2410 खसरा नंबरों को शामिल करते हुए सर्वाधिक 742.822 हेक्टेयर क्षेत्रफल शहरी सीमा में शामिल किया गया है। इसके बाद सरवट के 1257 खसरा नंबरों को मिलाकर 513.4668 हेक्टेयर तथा कूकड़ा के 502 गाटा संख्या के तहत 469.833 हेक्टेयर, वहलना के 1373 खसरा नंबरों के तहत 436.100 हेक्टेयर और शाहबुद्दीनपुर के 635 गाटा संख्या को मिलाकर कुल 348.950 हेक्टेयर क्षेत्रफल शहरी सीमा में शामिल किया गया है। इसके साथ ही सबसे छोटे क्षेत्रफल के रूप में बिलासपुर के 45 खसरा नंबर के तहत 27.462 हेक्टेयर, अलमासपुर के 245 खसरा नंबरों से 106.572 हेक्टेयर, शेरनगर के 185 गाटा संख्या के तहत 118.0330 हेक्टेयर, बीबीपुर के 326 गाटा संख्या के तहत 172.1570 हेक्टेयर और सहावली के 266 गाटा संख्या के तहत कुल 171.211 हेक्टेयर क्षेत्रफल को शहरी सीमा के अंदर लाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इन 15 गांवों से कुल 4524.4367 हेक्टेयर क्षेत्रफल मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् की सीमा में शामिल किया गया।
नगर पालिका चेयरपर्सन अंजु अग्रवाल का कहना है कि शहर की सीमा से सटे 11 गांवों के नगर पालिका में शामिल होने से वहां के निवासियों का विकास होगा। शहरीकरण से इन गांवों के लोगों के लिए रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे तथा मुख्य धारा में शामिल ये लोग विकास की और अग्रसर होंगे। शहर की गति से इन ग्रामीण इलाकों का भी विकास होगा।