
नई दिल्ली। टमाटर न्यूट्रिशन से भरपूर फल है, मगर इसका इस्तेमाल सब्जी के रूप में किया जाता है। इसे खाने से दिल, स्किन, आंखें, वजन स्वस्थ बनता है। यह फूड एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन और हाइड्रेशन का सरताज है, जिसे डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
टमाटर से फाइबर, कार्ब्स, विटामिन सी, पोटैशियम, विटामिन के1, फोलेट जरूर मिलता है। मगर एक बात को कभी ना भूलें कि यह नाइटशेड फैमिली से आता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि इस ग्रुप में फल, सब्जियां और जहरीले पौधे आते हैं। इस परिवार में टमाटर, आलू, बैंगन, मिर्च, शिमला मिर्च के साथ Atropa Belladona जैसा जहरीला पौधा भी है।
टमाटर जैसी नाइटशेड सब्जियां लाइकोपीन व कई न्यूट्रिएंट्स से भरी तो हैं, मगर इसमें सोलानाइन या टोमेटाइन जैसे एल्कलॉइड भी होते हैं। एल्कलॉइड एक शक्तिशाली केमिकल है, पौधे खुद को बचाने के लिए कीटों के लिए इस जहर को छोड़ते हैं।
इन एल्कलॉइड का नेचर इंफ्लामेशन बनाने वाला होता है और जानवरों के लिए यह जहर की तरह होते हैं। ये केमिकल आलू के छिलकों में भी पाए जाते हैं और साथ में पौधे के तने और पत्तियों में भी भरे होते हैं। इसलिए इन चीजों को खाते हुए एकदम सावधान रहें।
डॉ. ने बताया कि टमाटर के बीजों में लेक्टिन नाम का प्रोटीन होता है, जो दूसरे विटामिन और मिनरल से चिपक जाता है और सेलुलर डिसफंक्शन कर सकता है। लेक्टिन आपकी आंत में जलन पैदा कर सकता है और एसिडिक रिएक्शन का कारण बन सकता है।
इन दिक्कतों से बचने के लिए नाइटशेड फूड्स को सही तरीके से खाना चाहिए। टमाटर खाने से पहले उसके बीज निकालने पड़ते हैं। टमाटर को उबालकर आसानी से बीज निकाले जा सकते हैं। दूसरी तरफ आलू खाने से पहले इसका छिलका उतार कर घी में पकाने से बुरा असर खत्म हो जाता है।
गठिया या कोई अन्य ऑटोइम्यून बीमारी का प्रमुख कारण इंफ्लामेशन होती है। टमाटर के बीज और आलू के छिलकों में भी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, इसलिए इन बीमारियों में ऐसी चीजें खाने से बचें। वरना मरीजों की सूजन और दर्द बढ़ सकती है।
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