लखनऊ. स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों में सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए सरकार ने नए सिरे से कवायद शुरू की है। इसके तहत पहले लखनऊ समेत 6 नगर निकायों में ठोस कूड़े का वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण के लिए मॉडल एक्शन प्लान तैयार कर काम शुरू किया जाएगा। इन निकायों में तीन बड़े (नगर निकाय) व तीन छोटे निकायों का चयन किया गया है। नगर निगम वाले निकायों में लखनऊ के अलावा वाराणसी व मथुर-वृंदावन होंगे, जबकि छोटे निकायों में मुजफ्फरनगर का बुढ़ाना, आगरा का दयालबाग और उरई नगर पालिका परिषद शामिल हैं।

मॉडल प्लान की खास बात यह होगी कि इन 6 निकायों में ‘ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016’ के सभी प्रावधानों के मुताबिक ठोस कूड़ा प्रबंधन से संबंधित सारे 8 कार्य पूरे कराये जाएंगे। नगर विकास विभाग के निर्देश पर स्वच्छ भारत मिशन की राज्य इकाई निदेशालय ने सभी चयनित नगर निकायों के नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। शासन ने मॉडल प्लान तैयार करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया है। इन 6 शहरों में यह मॉडल प्लान सफल रहा तो इसे क्रमवार सभी नगर निकायों में लागू किया जाएगा।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली में कूड़ा निस्तारण के लिए सुझाए गए सभी 8 तरह के कार्यों पर आधारित मॉडल एक्शन प्लान के तहत सभी कार्यों को पूरा करने के लिए उप्र सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी को हर 15 दिन में प्रगति की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।

छह माह में पूरे करने होंगे ये आठ काम
– सभी वार्डों में ठोस कूड़े का डोर टू डोर कलेक्शन।
– सभी वार्डों में उठान स्थल पर ही सूखा व गीले कूड़ा को अलग करना।
– दोनों तरह के कूडे़ को ढोने की अलग-अलग परिवहन व्यवस्था।
– कंपोस्ट पिट व मैटेरियल रिकवरी सेंटर (एमआरएफ) के लिए भूमि का चयन।
– सरकारी भूमि की अनुपलब्धता में लीज पर या क्रय कर भूमि की व्यवस्था करना।
– सूखे कूड़े के लिए कंपोस्ट पिट व गीला कूड़े के एमआरएफ या प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना।
– कूड़ा निस्तारण के लिए शहर के बाहरी क्षेत्र में गड्ढे जैसी भूमि का चयन करना।
– लीगेसी वेस्ट को चिह्नित कर उसके निस्तारण के लिए एजेंसी का चयन करना।