शामली। शामली नगर पालिका, कांधला और गढ़ीपुख्ता नगर पंचायत पिछले करीब तीन माह से घोटालों की शिकायतों को लेकर अधिक चर्चाओं में है। यहां के अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन पर सभासदों से लेकर आम लोगों ने विकास कार्यों में अनियमितता, स्ट्रीट लाइट खरीद, टेंडर छोड़ने में घोटालों का आरोप लगाया है।
तीन माह में शामली नगर पालिका पर चार, कांधला पर दो और गढ़ीपुख्ता नगर पंचायत के अधिकारियों पर एक घोटाले का आरोप लगा चुका है। मगर हैरत की बात है कि किसी भी मामले में अभी तक जांच कमेटी ने कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई है।
गढ़ीपुख्ता के शिकायतकर्ता का आरोप है कि उनसे बयान लेने आना तक जांच कमेटी ने मुनासिब नहीं समझा है। जबकि आयुक्त ने भी जांच के आदेश दिए थे। शिकायतकर्ताओं के अनुसार यदि सही से जांच होती है तो घोटाालों में अधिकारियों का फंसना भी तय है। हालांकि संबंधित अधिकारी खुद को पूरी तरह से निर्दोष बताते हुए कह रहे है कि उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया है।
18 नवंबर को शहर के शैलेंद्र निर्वाल, सभासद निशिकांत संगल, सभासद अनिल उपाध्याय ने डीएम से शिकायत करते हुए पहली शिकायत में बताया कि प्रशासन द्वारा शामली नगर पालिका में कुछ निर्माण कार्य 25 से 40 प्रतिशत कम बिलो पर निकाले गए थे, जो वर्तमान अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी ने निरस्त कर 4 से 5 प्रतिशत कम बिलों पर टेंडर निकाले हैं, जिससे राजस्व को हानि हुई है।
दूसरे मामले में आरोप लगाया कि पारिवारिक पेंशन में घोटाला किया गया। तीसरा आरोप लगाते हुए कहा कि नगर पालिका ने 630 नगर स्ट्रीट लाइट 45 वाट व 60 वाट खरीदा दर्शाया गया है। जबकि 400 नग 45 वाट के 5829.20 पैसे के प्रति नग के हिसाब से खरीदे गए हैं।
जिसकी बाजार की कीमत 1250 प्लस जीएसटी और 230 नग 60 वाट के 6855.80 प्रति नग है। इसकी कीमत 1900 रुपये प्लस जीएसटी प्रति नग है। चौथे मामले में प्रशासक के समय में चार करोड़ से अधिक के 43 कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिन्हें अब निरस्त कर दिया गया।
शिकायतों की जांच डीएम के निर्देश पर तहसीलदार शामली को सौंपी गई। तहसीलदार प्रियंका जायसवाल कहना है कि जांच की जा रही है। जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी रामेंद्र सिंह और नगर पालिका चेयरमैन अरविंद संगल ने घोटाले के लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद बताए हैं।
13 सितंबर को कांधला नगर पालिका के सभासद अफजाल अली, वार्ड 2 के सभासद कय्यूम जग, वार्ड 14 के सभासद मो. मुस्तफा, वार्ड 19 के जावेद खान, वार्ड 4 सभासद विक्रांत कुमार आदि ने डीएम से शिकायत कर बताया था कि ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए निर्माण कार्यों में घालमेल किया गया।
फर्जी अभिलेख भी तैयार कराए गए। दूसरे घोटाले का आरोप लगाते हुए सभासद अफजाल अली ने कहा कि अधिशासी अधिकारी ने फ्रीज में 5 किलो वाट की प्लेट के स्थान पर 3.9 पॉवर की सोलर प्लेट लगवाकर घालमेल किया। इसके अलावा अपने चहेते कर्मचारियों को तैनात कराया गया।
इस मामले में एसडीएम स्वप्लिन यादव का कहना है कि शिकायतों की जांच चल रही है। दोनों पक्षों को नोटिस देकर अपनी अपनी बात रखने को कहा गया है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई पूरी की जाएगी।
नगर पालिका कांधला के चेयरमैन नजमूल इसलाम का कहला है कि घोटाले का पता चलने पर टेंडर निरस्त कर दिए गए थे। आरोप सही पाए गए थे। बाकी आरोप तैनाती से पहले के है, जिनकी जांच चल रही है।
10 नवंबर को विजिलेंस ने कांधला नगर पालिका में तैनात क्लर्क अकरम को पचास हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। जिसका चालान कर दिया गया था।जबकि अधिशासी अधिकारी सुरेश के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था। तभी से अधिशासी अधिकारी फरार है।
गढ़ीपुख्ता निवासी महेश कुमार ने 17 अक्तूबर को सीएम और डीएम को शिकायत की थी। जिसमें नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी पर निर्माण कार्यों में अनियमितता और रुपयों के बंदरबांट करना का आरोप लगाया था। कई सड़कों के निर्माण में गबन का आरोप लगाया गया था। आयुक्त से शिकायत के बाद जांच कमेटी गठित कर दी गई थी।
जांच कमेटी में एसडीएम ऊन, अधिशासी अभियंता नलकूप खंड शामली, सहायक अभियंता ग्रामीण को शामिल किया गया था। महेश का कहना है कि आज तक जांच कमेटी ने उनके बयान लेने आना तक मुनासिब नहीं समझ है। आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
नगर पालिका और नगर पंचायत में घोटालों की शिकायत सभासदों और अन्य लोगों ने की थी। सभी मामलों की जांच चल रही है। कमेटी जांच के बाद रिपोर्ट देगी। जिसके बाद इन मामलों में आगे की कार्रवाई की जाएगी।