
मुजफ्फरनगर। शामली के बाबरी गांव में 18 साल पहले फिरौती के लिए किसान के अपहरण के मामले में तीन दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-10 की पीठासीन अधिकारी हेमलता त्यागी ने फैसला सुनाया।
शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा और सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कुलदीप पुंडीर ने बताया कि 28 मार्च 2004 को किसान पवन भैंसा-बुग्गी पर सवार होकर परिवार के साथ खेत से घर लौट रहा था। रास्ते में बाइक सवार बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया। पीडि़त के भाई चंद्रपाल ने 31 मार्च को मुकदमा दर्ज कराया था। पीडि़त परिवार से फिरौती मांगी की गई थी। पुलिस ने पवन को बाद में सकुशल बरामद किया। फिरौती के लिए अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। प्रकरण की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-10 की पीठासीन अधिकारी हेमलता त्यागी ने की। अदालत ने दोषी झिंझाना के गांव अंबेहटा रिहान निवासी राशिद, पक्की गढ़ी निवासी रियाज और बाबरी निवासी गजम्फर अली को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। चौथे अभियुक्त इरफान के अदालत में हाजिर नहीं होिने पर पत्रावली अलग कर दी गई।
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