मुजफ्फरनगर। अदालत ने पूर्व प्रधानाचार्य विजय कुमार शर्मा और सहायक लिपिक राकेश कुमार को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। जबकि सेवानिवृत लिपिक को एक साल की सजा मुकर्रर करते हुए प्रोबेशन पर छोड़ दिया।
मंगलवार को अपर सत्र न्यायालय (एससीएसटी एक्ट) के पीठासीन अधिकारी रजनीश कुमार ने 10 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया मामला वर्ष 2013 का है। दीपचंद ग्रेन चेंबर इंटर कॉलेज मुजफ्फरनगर के सहायक अध्यापक पवन कुमार भारतीय ने धारा 156 (3) के अंतर्गत विद्यालय के प्रधानाचार्य विजय कुमार शर्मा, प्रधान लिपिक सतपाल शर्मा और सहायक लिपिक राकेश कुमार के विरुद्ध अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के साथ ही मारपीट और धमकी देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। नई मंडी कोतवाली पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र शर्मा और अनिल जिंदल ने पैरवी की।
अदालत ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद तीनों आरोपियों को एससी/एसटी एक्ट मामले से पूरी तरह दोषमुक्त पाया। अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ता मोहित शर्मा ने बताया प्रधानाचार्य विजय कुमार शर्मा और सहायक लिपिक राकेश कुमार को एससी/एसटी एक्ट सहित सभी आरोपों में बेकसूर करार देते हुए बरी कर दिया। अदालत ने तत्कालीन प्रधान लिपिक सतपाल शर्मा को आंशिक रूप से दोषी पाया। उनकी अधिक उम्र को देखते हुए एक वर्ष के प्रोबेशन पर रिहा किया गया।