लखनऊ। शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी 6800 पदों पर नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने सीएम आवास की तरफ कूच किया।
69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों की नाराजगी कम नहीं हो रही है। हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से ठीक से पैरवी न होने का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने बुधवार को गोल्फ क्लब चौराहे पर प्रदर्शन किया। कुछ देर चले प्रदर्शन के बाद पुलिस ने अभ्यर्थियों को जबर्दस्ती बस में बिठाकर ईको गार्डेन पहुंचा दिया।
शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी काफी दिनों से ईको गार्डेन में 6800 पदों पर नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में लचर पैरवी करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास का घेराव किया था। इसी क्रम में आज वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए उनके आवास की तरफ जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया।
अभ्यर्थी धरने पर बैठ गए, इसे लेकर उनकी पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई। कुछ महिला अभ्यर्थी छोटे बच्चे भी लेकर आई थीं। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में ठीक से पैरवी न करके उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे विजय प्रताप ने कहा कि 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की सूची आए दो साल होने को है, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है। इसे लेकर अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति 16 फरवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम की शरण में जाकर सेवा बहाली की याचना करेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित अपना प्रत्यावेदन मंदिर के मुख्य पुजारी को देंगे। समिति के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह ने कहा कि लगभग दो वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के लगभग सभी मंत्री, विधायक, सांसदों से अपनी सेवा सुरक्षा के लिए याचना कर चुके हैं। इसके बाद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अब हमने प्रभु श्रीराम की शरण में जाने का निर्णय लिया है। बताया कि तदर्थ शिक्षकों को नौ नवंबर 2023 को शासनादेश के माध्यम से 17 महीने का शेष वेतन देते हुए हमारी सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं।