मेरठ। पुलिस कांस्टेबल भर्ती में डॉक्टर पर बागपत के अभ्यर्थी निखिल राठी शारीरिक मानक परीक्षण में फिट घोषित करने की एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। अभ्यर्थी से सीने में कम फुलाव होने की बात कहकर रुपयों की मांग की गई और रिजेक्ट होने का डर दिखाया गया। आरोप है कि डाक्टर ने वसूली के लिए पुलिस लाइन के बाहर अपना आदमी बैठा रखा था। अभ्यर्थी के पिता ने फोटो खींचा तो वह वाहन लेकर भाग निकला। अभ्यर्थी की ओर से सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

बागपत के टीकरी गांव निवासी निखिल राठी ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पास की है। शनिवार को पुलिस लाइन में उसके प्रमाण-पत्रों का सत्यापन और शारीरिक मानक परीक्षण था। वह अपने पिता के साथ मेरठ आया था। पिता पुलिस लाइन के बाहर रुक गए और वह अंदर चला गया। यहां उसकी लंबाई और सीने की चौड़ाई नापी गई। आरोप है कि नापने वाले डॉक्टर ने सीने का फुलाव कम बताया। डॉक्टर ने कहा कि पुलिस लाइन के गेट नंबर तीन के बाहर वाहन संख्या-7065 खड़ी है। जाकर बात कर लो।

निखिल पुलिस लाइन के बाहर आया तो इस नंबर की वाहन उसे नहीं मिला। उसने भीतर जाकर डॉक्टर को यह बात बताई। डॉक्टर ने उसके पिता का मोबाइल नंबर लेकर किसी को व्हाट्सएप पर भेजा। कुछ देर बाद उसके पिता के मोबाइल नंबर पर एक कॉल आई। कॉलर ने बेटे को फिट घोषित करने का रेट 50 हजार बताते हुए रुपये मांगे। निखिल के पिता ने वाहन तलाश कर उसमें बैठे व्यक्ति से बात की। निखिल के पिता ने कहा कि उनके बेटे का सीना मानकों से कम नहीं है। वह परिजनों से बात करके बताएंगे। इसके बाद मोबाइल से वाहन का फोटो ले लिया।

आरोपी ने उन्हें देख लिया और वह वहां से निकल गया। थोड़ी देर बाद उन्होंने आराेपी के नंबर पर कॉल की तो उसने कहा कि अंदर डॉक्टर से बात हो गई है। आपके बेटे के सीने का फुलाव सही हो गया है, उसे फिट कर दिया गया है। आरोपी ने बताया कि वह पुलिस लाइन से दूर आ गया है। निखिल के मुताबिक उसके प्रमाण पत्रों का सत्यापन और शारीरिक मानक परीक्षण बोर्ड नंबर-2 पर था। रुपये मांगने वाले डॉक्टर के बाल घुंघराले थे, उनका नाम वह नहीं जानता है।
भर्ती प्रक्रिया के नोडल अधिकारी एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

जिले में 36 केंद्रों पर पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और कड़ी सुरक्षा के बीच हुई थी। इसके बाद पुलिस लाइन में 26 दिसबर से मेरठ, बागपत, बुलंदशहर और हापुड़ के अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जा रहा है। यह प्रक्रिया 25 जनवरी तक चलेगी। इसके लिए तीन सेंटर बनाए गए हैं। प्रत्येक सेंटर पर रोजाना 50-75 अभ्यर्थियों का सत्यापन किया जा रहा है। पारदर्शिता बरतने के लिए सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था भी की गई है। प्रक्रिया पर पुलिस लाइन में बने कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है। इसके अलावा लखनऊ से भी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है। इसके बावजूद यह घालमेल सामने आया है।

ये मामला सामने आने पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि शारीरिक मानक परीक्षण में अभ्यर्थियों के पूरी तरह फिट होने के बावजूद मामूली कमी बताकर उन्हें भर्ती से बाहर करने की बात कहकर डराया जा रहा है। इस मामूली कमी को पूरी करने की एवज में मोटी रकम मांगी जा रही है। शारीरिक रूप से अनफिट अभ्यर्थी रुपये देकर फिट किए जा रहे हैं। अब पुलिस की जांच में सामने आएगा कि इस तरह क्या और भी अभ्यर्थियों से रकम मांगी गई है।