लखनऊ।   सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर भर्ती के लिए दौड़ की परीक्षा (पीईटी) सोमवार से शुरू होगी। भर्ती प्रक्रिया के अंतिम चरण के तहत होने वाली शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद चयनित अभ्यर्थियों का मेडिकल होगा और चरित्र प्रमाण मांगे जाएंगे। उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड परीक्षा का आयोजन पीएसी की 12 वाहिनियों में करा रहा है, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रोजाना करीब 10 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे।

बता दें कि भर्ती बोर्ड ने दौड़ परीक्षा के पहले चरण के तहत करीब 1.20 लाख प्रवेश पत्र जारी किए हैं। वहीं सोमवार को शेष करीब 40 हजार अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी होने हैं। परीक्षा का आयोजन 27 फरवरी तक होना है। परीक्षा का आयोजन 45वीं वाहिनी अलीगढ़, 12वीं वाहिनी फतेहपुर, 8वीं वाहिनी बरेली, 9वीं वाहिनी मुरादाबाद, 26वीं वाहिनी गोरखपुर, 37वीं वाहिनी कानपुर, 33वीं वाहिनी झांसी, 35वीं वाहिनी लखनऊ, 6वीं वाहिनी मेरठ, 47वीं वाहिनी गाजियाबाद, 20वीं वाहिनी आजमगढ़ और 39वीं वाहिनी मिर्जापुर में किया जाएगा।

बोर्ड ने पीईटी के दौरान कलाई घड़ी पहनना प्रतिबंधित है। कुछ अभ्यर्थियों के इसके इस्तेमाल के अनुरोध पर विचार करके बोर्ड ने परीक्षा स्थल पर डिजिटल घड़ी का प्रबंध किया है। परीक्षा में पुरुष अभ्यर्थियों को 25 मिनट में 4.8 किमी की दौड़ पूरी करनी होगी, जबकि महिला अभ्यर्थियों को 14 मिनट में 2.4 किमी की दौड़ पूरी करनी होगी।

परीक्षा बोर्ड द्वारा गठित समिति द्वारा कराई जाएगी, जिसमें डीएम द्वारा नामित एक एसडीएम, सीएमओ द्वारा नामित डॉक्टर, कमिश्नर/एसएसपी द्वारा नामित डिप्टी एसपी शामिल हैं। सफल एवं असफल अभ्यर्थियों की सूची समिति के सदस्यों द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर कर जारी की जाएगी। परीक्षा का परिणाम दिन की समाप्ति पर सूचना पट पर प्रदर्शित करना होगा।

बोर्ड ने अभ्यर्थियों से उनके प्रवेश पत्र, मूल पहचान पत्र, मूल आधार कार्ड के साथ परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होने को कहा है। यदि कोई अभ्यर्थी नियत तिथि एवं समय पर परीक्षा केंद्र पर उपस्थित रहने में असफल रहता है तो वह समिति को वजह बताते हुए प्रत्यावेदन दे सकता है। यह उसे खुद अथवा किसी प्रतिनिधि के जरिए देना होगा। डाक, ई-मेल अथवा किसी अन्य माध्यम से भेजा गया प्रत्यावेदन स्वीकार नहीं होगा। समिति उसे किसी अन्य दिन परीक्षा के लिए बुला सकती है।

यूपी पुलिस की 60,244 सिपाही भर्ती में सफल उम्मीदवारों को 9 महीने का आधारभूत प्रशिक्षण प्रदेश के सभी प्रशिक्षण केंद्रों पर दिया जाएगा। अंतिम चरण की परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का चरित्र सत्यापन उनके गृह जिलों से कराया जाएगा। इसके बाद एक महीने की प्रारंभिक ट्रेनिंग (जेटीसी) सभी 75 जिलों में होगी और नौ महीने की आधारभूत ट्रेनिंग प्रशिक्षण केंद्रों पर कराई जाएगी।