नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय की तरफ से इसका आदेश भी जारी कर दिया गया है। राहुल को सूरत की एक अदालत ने गुरुवार को ही मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान ‘मोदी सरनेम’ पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसी मामले में राहुल पर गुजरात के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। नियम के अनुसार, अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या इससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता चली जाती है। राहुल के साथ भी ऐसा ही हुआ।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के दिग्गज नेता राहुल गांधी अब क्या करेंगे? राहुल के पास अब क्या विकल्प बचे हैं? क्या अब राहुल गांधी जेल जाएंगे? आइए समझते हैं…
लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8 के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है। उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है।
इसी नियम के तहत राहुल की सदस्यता चली गई। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि सूरत की जिस अदालत ने राहुल को सजा सुनाई है, उस अदालत ने राहुल को फैसले के खिलाफ सेशंस कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए एक महीने का समय दिया है। लेकिन चूंकि कोर्ट ने दो साल की सजा सुना दी थी, इसलिए नियम के अनुसार राहुल की सदस्यता चली गई।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि राहुल के पास अभी सिर्फ दो विकल्प है। उन्होंने बताया कि अगर वो कानूनी तरीके से आगे नहीं बढ़ते हैं तो आने वाले दिनों में राहुल गांधी को जेल भी जाना पड़ सकता है।
1. संसद की सदस्यता बचाने के लिए हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं : सूरत की अदालत का फैसला आने के बाद नियम के अनुसार ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म की गई है। ऐसे में अगर वह अपनी सदस्यता वापस हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का रूख अख्तियार करना पड़ेगा। हालांकि, उम्मीद कम है कि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से राहुल को इस मसले पर राहत मिले। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल पर दोष साबित हो चुका है। ऐसे में अगर राहुल को मानहानि केस में सजा से राहत मिले तब ही वह अपनी सदस्यता बचाए रख सकते हैं। हालांकि, कोर्ट कुछ समय के लिए लोकसभा अध्यक्ष के फैसले पर स्टे भी दे सकती है।
2. सजा के खिलाफ सेशंस कोर्ट में जाना होगा: राहुल गांधी को सजा सुनाने वाली सूरत की अदालत ने उन्हें एक महीने का समय दिया है। इस एक महीने के अंदर राहुल को कोर्ट के फैसले के खिलाफ सेशंस कोर्ट में याचिका दायर करना होगा। इसके बाद कोर्ट के फैसले पर राहुल गांधी का भविष्य निर्भर होगा।
अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि अगर राहुल गांधी सेशंस कोर्ट जाते हैं और वहां से उन्हें राहत मिलती है तो ही वह जेल जाने से बच सकते हैं। अगर सेशंस कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिलती है तो यह तय है कि राहुल को जेल जाना पड़ सकता है। इसके अलावा उनपर छह साल का प्रतिबंध भी लग जाएगा। मतलब इस दौरान वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।