गाजियाबाद: कहते हैं कि रिश्ते तो ऊपरवाला बनाकर भेजता है। कितना भी मनमुटाव हो जाए, जब अपनों को दर्द में देखते हैं तो दिल पिघल ही जाता है। कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में देखने को मिला। दिल्ली पुलिस के हवलदार सुलह के लिए पहुंचे। कैंसर से लड़ रहे पति को देखते ही पत्नी की आंखें नम हो गईं। सारे विवाद उन आंसुओं में बह गए। फिर जुदा न होने की कसम खाकर पति-पत्नी अपने घर चले गए। राष्ट्रीय लोक अदालत में 207 केस निपटाए गए। 36 जोड़े एक साथ रहने को राजी हो गए।
दिल्ली पुलिस के हवलदार हरवीर सिंह की शादी राजेंद्र नगर निवासी नमिता के साथ 10 मई 1998 को हुई थी। दोनों के 2 बेटे हुए। बड़ा बेटा फौजी है। छोटा अभी पढ़ाई कर रहा है। हरवीर को ब्लड कैंसर है। छोटी-मोटी बातों को लेकर पति-पत्नी के बीच झगड़े हुए। बात इतनी बढ़ी की दोनों अलग हो गए। हरवीर ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नमिता के साथ रहने की गुहार लगाई। राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को हरवीर और नमिता दोनों पहुंचे। हरवीर की हालत नमिता से भी नहीं देखी गई। नम आंखों से ज्यादा कुछ बोले बगैर वे साथ जाने को तैयार हो गईं। कोर्ट ने भी दोनों को साथ रहने का आदेश दिया।
फरीदाबाद की ज्योति की शादी आलोक सिंह के साथ 3 साल पहले हुई थी। शादी के कुछ दिनों तक सबकुछ ठीक था। फिर झगड़ा होने लगा। बात बढ़ी तो ज्योति मायके चली गई। ज्योति ने भरण पोषण के लिए अर्जी दाखिल की थी। आलोक सिंह ने कोर्ट से पत्नी को साथ भेजने की गुहार लगाई थी। दोनों के आरोप सुनने के बाद कोर्ट ने कुछ वक्त साथ बिताने के लिए कहा। कोर्ट के आदेश पर दोनों ने बातचीत की। फिर ज्योति ने आलोक के साथ जाने की हामी भर दी।
दिल्ली की प्रेमलता की शादी 17 जनवरी 2017 को सिद्धार्थ विहार के वीर सिंह से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद से ही दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। फिर प्रेमलता अपने मायके चली गई। प्रेमलता ने कोर्ट में वाद दायर किया तो वीर सिंह ने आरोप लगाया कि प्रेमलता घूमने की शौकीन है। घर अपने नाम कराने का दबाव बना रही है। कोर्ट ने दोनों के आरोपों को सुना और एक बार फिर साथ रहने का मौका दिया। कोर्ट की बात सुनकर प्रेमलता पति के साथ जाने को तैयार हो गईं।