मुंबई की लोकल शहर के लोगों के लिए लाइफ लाइन कही जाती है. इस लोकल में हर किसी की अलग कहानी होती है और अलग सपने होते हैं. हर कहानी अलग होती है, जो अलग सपने तक ले जाती है. ऐसी ही एक कहानी लोकल ट्रेन से निकली है, जो है शिवम भारद्वाज की. जिन्हें ‘मैन इन स्कर्ट’ के नाम से भी जाना जाता है. शिवम भारद्वाज आजकल सोशल मीडिया पर खूब छाए हुए हैं. उनका एक वीडियो काफी पसंद किया जा रहा है. जिसमें वह लोकल ट्रेन के अंदर स्कर्ट पहनकर वॉक करते दिख रहे हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
शिवम मूल रूप से मेरठ के हैं और कुछ साल पहले ही मुंबई आए थे. उन्हें बचपन से फैशन का काफी शौक है. वह तब छुप-छुप कर अपने फोटो भी क्लिक किया करते थे. और बचपन से ही उन्हें फैशन कंटेंट क्रिएटर बनना था. मगर घर में पिता काफी स्ट्रिक्ट थे. शिवम कहते हैं कि मेरे पिता को यह सब पसंद नहीं था और इसलिए मैंने पहले बीबीए की पढ़ाई की और उसके बाद सीए. लेकिन मेरा मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था. मेरा दिमाग केवल फैशन में ही चलता है. इसी वजह से मैंने पढ़ाई छोड़ दी. इस बीच शिवम चोरी से अपने घर पर वीडियो बनाते थे लेकिन इस बारे में जब पिता को पता चला, तो उन्हें ये सब बंद करना पड़ा.
सीए की पढ़ाई छोड़ने बाद शिवम के पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया. जब वह घर से निकाले गए, तब उनके पास महज 70 रुपये थे और उम्र 19 साल. इसके बाद उन्होंने एक कॉल सेंटर में काम करके गुजारा किया. इन्हीं पैसों से उन्होंने फोन खरीदा और एक बार फिर फैशन कंटेंट क्रिएटर बनकर नई शुरुआत की.
शिवम भारद्वाज अपने बेबाक अंदाज को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. उनके इंस्टाग्राम पर 31 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं. शिवम का कहना है, ‘मुझे मेरा काम बहुत पसंद है. जब मैं लोकल ट्रेन से शूटिंग पर जाता हूं, तो लोग मुझे जज करते है. वह मुझे तिरछी निगाहों से देखते हैं. लेकिन इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता. मैं उन्हें अनदेखा करता हूं. जो काम मुझे करना था, मैं वही कर रहा हूं. मुझे लोगों का खूब प्यार भी मिल रहा है. इससे मैं बहुत खुश हूं.’
आगे कहते हैं, ‘मैं एलजीबीटीक्यू समुदाय से हूं. मुझे कभी समाज ने नहीं अपनाया. जिस वजह से मैंने कई बार आत्महत्या करने की कोशिश की. मगर उस समय मेरी मां ने मुझे समझाया और बचाया. अब लोग मुझे पसंद करने लगे हैं. वह मेरी तारीफ भी करते हैं. इससे मुझे बहुत अच्छा लगता है. मैं खुश हूं. मुझे इस तरह आगे बढ़ना है और अपने काम पर ध्यान देना है.’