
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन बाकी बचे हैं और प्रदेश के सियासी दलों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। बिहार में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर व 7 नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस बीच बिहार चुनाव को लेकर एबीपी न्यूज-सी वोटर का ओपिनियन पोल सामने आया है। 1 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर तक किए गए इस ओपिनियन पोल में बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर 30 हजार से ज्यादा लोगों से बात की गई थी। आइए जानते हैं कि बिहार में इस बार किस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।
सीमांचल की 24 सीटों का हाल
ओपिनियन पोल में सबसे पहले बात करते हैं सीमांचल की, जहां बिहार विधानसभा की 24 सीटें हैं। इन 24 सीटों पर एनडीए को 28 फीसदी और महागठबंधन को 46 फीसदी वोट शेयर मिलता हुआ नजर आ रहा है। वहीं, सीटों के मामले में एनडीए यहां महागठबंधन पर भारी पड़ रहा है। ओपिनियन पोल के मुताबिक सीमांचल की 24 सीटों में से एनडीए को 11 से 15 सीटें और महागठबंधन को 8 से 11 सीटें मिल सकती हैं। सीमांचल में चिराग पासवान की एलजेपी की खाता खुलता हुआ नजर नहीं आ रहा है, जबकि अन्य के खाते में एक सीट जा सकती है।
अंग प्रदेश की 27 सीटों पर किसे कितनी सीटें
अंग प्रदेश में बिहार विधानसभा की 27 सीटें आती हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक इन 27 सीटों पर वोट शेयर के मामले में एनडीए आगे है और उसे 47 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है। वहीं 29 फीसदी वोट शेयर महागठबंधन के खाते में जाता हुआ नजर आ रहा है। चिराग पासवान की एलजेपी को यहां 4 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है। बात अगर सीटों की करें तो एनडीए को यहां 16 से 20 सीटें मिल सकती हैं। वहीं महागठंबधन के हिस्से में 6 से 10 सीटें जा सकती हैं। चिराग पासवान का यहां खाता खुलता हुआ दिख रहा है और उनकी पार्टी को 2 सीटें मिल सकती हैं। एक सीट अन्य के खाते में जाती हुई नजर आ रही है।
मिथिलांचल में कौन आगे, एनडीए या महागठबंधन
अब बात करते हैं मिथिलांचल की, जहां बिहार विधानसभा की 50 सीटें आती हैं। मिथिलांचल में आरजेडी और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर होती हुई नजर आ रही है। यहां एनडीए को 41 फीसदी और महागठबंधन को 38 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है। वहीं, 4 फीसदी वोट शेयर चिराग पासवान की एलजेपी और 17 फीसदी वोट शेयर अन्य दलों को मिलता हुआ दिख रहा है। सीटों के मामले में भी यहां एनडीए आगे है और उसे 27 से 31 सीटें मिल सकती हैं। महागठबंधन के हिस्से में 18 से 21 सीटें जाती हुईं दिख रही हैं। चिराग पासवान की पार्टी को यहां 1 से 3 सीटें और अन्य दलों को 0-1 सीट मिल सकती है।
मगध-भोजपुर में 79 सीटों पर किसका पलड़ा भारी
बिहार विधानसभा चुनाव में मगध-भोजपुर क्षेत्र को काफी अहम माना जा रहा है, जहां बिहार की 79 विधानसभा सीटें हैं। वोट शेयर के मामले में यहां भी एनडीए महागठबंधन पर भारी नजर आ रहा है और उसके खाते में 44 फीसदी वोट शेयर जा सकता है। वहीं महागठबंधन को यहां 33 फीसदी वोट शेयर मिलता हुआ दिख रहा है। इनके अलावा 4 फीसदी वोट शेयर एलजेपी और 19 फीसदी वोट शेयर अन्य दलों को मिल सकता है। सीटों की बात करें तो यहां 79 विधानसभा सीटों में से 36 से 44 सीटें एनडीए के खाते में जाती हुई दिख रही हैं। 23 से 30 सीटें महागठबंधन को मिल सकती हैं। चिराग पासवान की एलजेपी का यहां खाता भी खुलता हुआ नजर नहीं आ रहा है, जबकि अन्य दलों के हिस्से में 0-3 सीटें जा सकती हैं।
उत्तर बिहार की 73 सीटों पर कौन मारेगा बाजी
उत्तर बिहार में विधानसभा की 73 सीटें आती हैं और यहां भी एनडीए ही भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है। उत्तर बिहार में एनडीए को 46 फीसदी और महागठबंधन को 32 फीसदी, चिराग पासवान की एलजेपी को 3 फीसदी और अन्य दलों को 19 फीसदी वोट शेयर मिलता हुआ नजर आ रहा है। बात सीटों की करें, तो यहां एनडीए को 45 से 49 सीटें मिल सकती हैं, जबकि 22 से 26 सीटें महागठबंधन के खाते में जा सकती हैं। चिराग पासवान की एलजेपी का यहां भी खाता खुलता हुआ नजर नहीं आ रहा, लेकिन 0 से 3 सीटें अन्य दलों के खाते में जा सकती हैं।
फाइनल ओपिनियन पोल में कौन आगे
अब बात करते हैं फाइनल ओपिनियल पोल की, जिसमें बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर एनडीए को 43 फीसदी और महागठबंधन को 35 फीसदी वोट शेयर मिलता हुआ नजर आ रहा है। 4 फीसदी वोट शेयर चिराग पासवान की एलजेपी और 18 फीसदी वोट शेयर अन्य दलों के खाते में जा सकता है। वहीं, सीटों के मामले में एनडीए को 135 से 159 सीटें और महागठबंधन को 77 से 98 सीटें मिल सकती हैं। चिराग पासवान की एलजेपी के खाते में महज 5 सीटें और 4 से 8 सीटें अन्य दलों को मिलती हुईं नजर आ रही हैं।
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