आप जानते ही होंगे कि अक्सर बंदरों को भगाने के लिए लंगूरों को बुलाया जाता है. कुछ जगहों पर तो बंदरों को भगाने के लिए लंगूर की फोटो इस्तेमाल की जा चुकी है. लंगूर को देखते ही गजब का आतंक मचाने वाले बंदरों की हालत खराब हो जाती है. दरअसल इन दोनों के बीच काफी समय से दुश्मनी है.

डिस्कवरी चैनल्स में भी आपने देखा होगा कि बंदरों का ग्रुप लंगूर से दूर ही रहता है. आपको बता दें कि बंदर लंगूर की आवाज से भी दूर ही रहना पसंद करते हैं. भारतीय संसद में बंदरों से परेशान होकर लंगूरों को तैनात किया गया था. इसके बाद लंगूरों को हटाकर कुछ कर्मचारी लंगूर की आवाज निकालकर बंदरों को भगाने का काम करते थे.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक बंदरों को ऐसा लगता है कि लंगूर दबंग स्वभाव के होते हैं. वैसे तो बंदर और लंगूर में काफी सारी समानताए हैं लेकिन लंगूर बंदरों से ज्यादा फुर्तीले होते हैं. यही वजह है कि बंदरों को लंगूर पसंद नहीं होते. इसके अलावा लंगूर की पूंछ बंदरों से अलग होती है और लंबी भी होती है. लंगूर अक्सर लड़ाई में अपनी पूंछ को हंटर की तरह यूज करते हैं. यही सब कारण हैं कि लंगूर को देखते ही बंदरों को डर लगने लगता है.

आपको ये बात जानकर जोर का झटका लग सकता है कि लंगूरों को पालना गैर कानूनी है. इसके अलावा भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए भी लंगूरों का इस्तेमाल किया जा चुका है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मथुरा दौरे पर लंगूर को तैनात किया गया था क्योंकि बांके बिहारी मंदिर पर बंदरों का काफी आतंक रहता है.