मेरठ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्रियों के काम के बंटवारे को लेकर मेरठ से चिंगारी उठने के बाद अब मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री भी जिलों में सरकार के काम को परखने और संगठन की मजबूती के लिए काम करेंगे। इसके लिए 25-25 जिलों का कोटा बनाया गया है। काम के बंटवारे की तस्वीर को देखकर साफ लगता है कि बीजेपी और सरकार का ज्यादा फोकस मिशन 2024 के लिए वेस्ट यूपी पर रहने वाला है। खुद मुख्यमंत्री ने अपने हिस्से में वेस्ट यूपी के सभी जिलों को रखा है। योगी खुद यहां जाकर जनता की नब्ज टटोलेंगे।
सीएम योगी का वेस्ट यूपी को अपने हिस्से में रखने के पीछे सियासी जानकारों का मानना है कि जाट (किसान) बहुल इस क्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन का मुख्यालय और उसके नेता राकेश टिकैत का घर है। वेस्ट यूपी की सियासत करने वाली राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत की कर्मस्थली भी यही है। वेस्ट यूपी उनके पिता अजित सिंह और दादा चौधरी चरण सिंह का राजनीतिक गढ़ रहा है। मुस्लिम बहुल होने के कारण यह सपा और बसपा की मजबूत पकड़ वाला एरिया भी माना जाता है। ऐसे में योगी का वेस्ट यूपी पर खास प्लान के साथ ध्यान और दस्तक देना एक तीर से कई निशाने साधने के तौर पर देखा जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने तीन कृषि कानून के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के बाद से वेस्ट यूपी में खुद को कमजोर महसूस किया है। इसका असर भी विधानसभा चुनाव में दिखा। उसे वेस्ट यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मुरादाबाद, संभल, रामपुर आदि जिलों में झटका भी लगा था। नरेश और राकेश टिकैत की नाराजगी और रालोद और सपा का साथ होने के कारण विधानसभा की कई सीटें भाजपा को खोनी पड़ीं। रालोद यहां मजबूत हुई। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के साथ आने से बीजेपी वेस्ट यूपी में कमजोर साबित हुई थी।
सहारनपुर, अमरोहा, बिजनौर, नगीना, संभल,मुरादाबाद आदि लोकसभा सीट सपा बसपा गठबंधन जीता था। मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत आदिसीट बीजेपी संघर्ष के बाद जरूर जीती थी। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काम बंटवारा करते हुए दोनों डिप्टी सीएम और खुद को 25-25 जिलों की जिम्मेदारी दी। सरकार और संगठन के स्तर में सामंजस्य बैठाने के लिए तीनों ने बराबर-बराबर जिले रखे हैं।
खुद सीएम वेस्ट यूपी के मेरठ मंडल के मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, सहारनपुर मंडल के मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर मुरादाबाद मंडल के अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अलीगढ़ मंडल के अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज के अलावा प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़,बलिया, मऊ के जिले अपने पास रखे हैं। वेस्ट यूपी के आगरा मंडल के आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, बदायूं के साथ बरेली मंडल के जिले की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को दी गई है।
गौरतलब है कि योगी सरकार के 18 कैबिनेट मंत्रियों को 18 मंडलों का प्रभारी हाल में ही नियुक्त किया है। उनके साथ राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री लगाए गए हैं। सरकार की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव से पहले नवंबर 2023 तक सभी कैबिनेट मंत्री प्रत्येक मंडल के प्रभारी का दायित्व निभा लें। मंडल के प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले क्षेत्र में विकास कार्य योजनाओं की समीक्षा करने के साथ-साथ सामाजिक समीकरण को मजबूत करने के लिए किसी दलित या अति पिछड़ा वर्ग से घर रुकेंगे और वहां भोजन करेंगे।