लखनऊ। नए साल के जश्न से पहले COVID-19 को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत पुलिस-प्रशासन की इजाजत के बिना नए साल का कोई भी कार्यक्रम नहीं हो पाएगा। वहीं, ऐसे कार्यक्रमों में अधिकतम 100 लोग ही शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा कोविड-19 से बचाव के नियमों का हर हाल में पालन करना होगा। बता दें, यूपी में कोरोना का खतरा कम हो रहा है, बावजूद इसके सरकार लगातार लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रही है। उधर, ब्रिटेन में नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद भारत में भी केंद्र और प्रदेश सरकारें सतर्क हो गई हैं। यूपी सरकार ने सरकार ने होटल, बार, पब और दूसरी सार्वजनिक जगहों पर बिना इजाजत सार्वजनिक समारोहों को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
ड्रोन से कार्यक्रमों की निगरानी करेगी पुलिस
नए साल के जश्न में कोरोना खतरा बढ़ न जाए इसके लिए पुलिस आयोजित कार्यक्रमों की निगरानी ड्रोन से करेगी। 31 दिसंबर की रात को पुलिस जगह-जगह वाहनों की चेकिंग करेगी। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
बता दें, यूपी में में कोरोनो वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या 16,159 है। उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि प्रदेश में रिकवरी का प्रतिशत 95.78 है। अब तक 5,55,544 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। वहीं, इस संक्रमण से अब तक प्रदेश में कुल 8279 लोगों की मृत्यु हुई है।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण कम हो रहा है, फिर भी सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने अपील की सभी लोग मास्क पहनें, हाथ धोते रहें, भीड़भाड़ से बचकर रहें एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करें। सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश में कोरोना से निपटने की जो कार्ययोजना तैयार की गई, उसकी देशभर में प्रशंसा हुई है। टेस्ट की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। देश में अधिक टेस्ट करने के मामले में यूपी दूसरे स्थान पर है। नवनीत सहगल ने बताया कि कोरोना से निपटने में उत्तर प्रदेश ने कई कीर्तिमान बनाए हैं। इस समय प्रदेश में 1 लाख 70 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं। अब तक प्रदेश में कुल 2 करोड़ 31 लाख से अधिक टेस्ट हुए हैं, जो पूरे देश में एक रिकॉर्ड है। सरकार की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रक्रिया को WHO ने भी सराहा है। इसी का परिणाम है कि जहां देश के अन्य प्रदेशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में संक्रमण के प्रकरण नियंत्रण में हैं।