मुजफ्फरनगर। गंगा किनारे के 13 गांवों के किसानों को बाग लगाने पर प्रत्येक माह प्रोत्साहन राशि मिलेगी। एक हेक्टेयर बाग लगाने पर सरकार तीन साल तक प्रति माह तीन हजार की राशि देगी। जिले में 100 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। एक किसान को एक हेक्टेयर में ही बाग लगाने की छूट दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने उद्यान विभाग को इस योजना की जिम्मेदारी सौंपी है।

नमामी गंगे योजना में गंगा किनारे के गांवों में किसानों को बाग लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सरकार ने प्रदेश के 27 जिलों को इसके लिए चिह्नित किया है। इन जिलों में मुजफ्फरनगर जनपद के भी 13 गांव चिह्नित किए गए है। इन 13 गांवों में 100 हेक्टेयर बाग लगाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का उद्देश्य गंगा किनारे के गांवों में बागवानी को बढ़ावा देकर बाढ़ से बचाव और स्वच्छता को बढ़ावा देना है।

किसानों को भी बाग से लाभ होगा। जिला उद्यान विभाग में आवेदन के बाद किसान को बाग लगाना होगा। बाग लगाने का खर्च किसान को ही उठाना होगा। विभाग में पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर अनुमति दी जा रही है। एक किसान को एक हेक्टेयर में बाग लगाने की ही अनुमति होगी। बाग लगाने वाले किसान को 36 माह तक तीन हजार रुपये एक हेक्टेयर पर प्रति माह दिए जाएंगे। किसान आम, अमरूद सहित आठ प्रकार की उपज के बाग लगा सकते हैं। किसानों को छूट इन्हीं फसलों पर दी जाएगी। किसान 15 अगस्त तक योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। (संवाद)

गंगा किनारे के जिन गांवों को चिह्नित किया गया, उनमें मोरना ब्लाक का गांव फिरोजपुर, शुक्रतारी, कैड़ी दरियापुर, मजलिसपुर तौफिर, भुवापुर, शुक्रताल, इलाहाबास, जानसठ ब्लाक का गांव जलालपुर नीला, हंसावाला, स्याली, जीवनपुरी, हुसैनपुर, लालपुर रहड़वा शामिल है।

जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि योजना में किसान आम, अमरूद, आंवला, बेर, बेल, अनार, शरीफा, कागजी नींबू का बाग लगा सकता है। किसान अपने लाभ के लिए बाग के अंदर तीन वर्ष तक सब्जी, मसाला, फूलों की खेती कर सकेगा।

किसान बाग लगाने के लिए 15 अगस्त तक आवेदन कर सकता है। योजना का लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जा रहा है। एक हेक्टेयर पर हर माह तीन हजार किसान के खाते में जाएंगे। तीन वर्ष तक यह लाभ मिलेगा। – अरुण कुमार, जिला उद्यान अधिकारी