शास्त्रों के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है. एकादशी पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा-आराधना की जाती है. वहीं, जया एकादशी की बात करें तो इस दिन को पुण्यदायी माना जाता है. कहते हैं इस दिन पूजा करने वाले को विशेष फल की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु व्यक्ति के कष्टों को हर लेते हैं. इस वर्ष 1 फरवरी, बुधवार के दिन जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा. मान्यतानुसार माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं. इस चलते जया एकादशी पर कुछ उपाय करने पर भगवान विष्णु के साथ-साथ लक्ष्मी मां (Lakshmi Ma) की भी विशेष कृपा मिल सकती है.
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पंचांग के अनुसार 31 जनवरी रात 11 बजकर 53 मिनट से जया एकादशी की शुरूआत हो रही है. इसका समापन अगले दिन 1 फरवरी दोपहर 2 बजकर 1 मिनट पर होगा. लेकिन, उदयातिथि के अनुसार जया एकादशी 1 फरवरी के दिन ही मनाई जाएगी. इस एकादशी पर व्रत का पारण 2 फरवरी सुबह 7 बजकर 9 मिनट से 9 बजकर 19 मिनट के बीच करना शुभ रहेगा.
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जया एकादशी का व्रत किया जा सकता है. इस व्रत को करने पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी. पूजा में पीले वस्त्र, पीले फूल, पीली मिठाई व फल शामिल करें. भोग में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को केवल फल ही अर्पित करें.
जया एकादशी पर गाय को चारा खिलाना भी बेहद शुभ साबित होगा. गरीबों को भोजन खिलाने पर खासतौर से मां लक्ष्मी का चित्त प्रसन्न होगा और मान्यतानुसार भक्तों को आशीर्वाद मिलेगा.
जया एकादशी के दिन तामसिक भोजन करने से परहेज करें. व्रत रखने वाले व्यक्ति के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों को भी मान्यतानुसार अंडा, मांस, मछली और लहसुन-प्याज खाने से परहेज करना चाहिए.
एक और उपाय इस दिन किया जा सकता है जिसके लिए किसी मंदिर के पास पीपल के पेड़ तक जाना होगा. जया एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना शुभ साबित होगा. साथ ही, पीपल की परिक्रमा कर देसी घी का दीपक जलाया जा सकता है. पीपल के समक्ष मनोकामना मांगना सफल साबित हो सकता है.