मुजफ्फरनगर । विभाग ने पीड़ित बच्चे का दाखिला तो उसके मनपंसद स्कूल में करा दिया, लेकिन अभी ट्रांसपोर्टेशन के खर्च का स्थायी समाधान नहीं हुआ है। अभिभावक का कहना है कि विभागीय अफसरों ने दो सौ रुपये रोज का स्कूल आने जाने का खर्च तय किया था, लेकिन अभी केवल आठ दिन के 1600 रुपये बीएसए द्वारा नगद दिए गए थे। वह रोजाना बच्चे को बाइक पर गांव स्कूल ले जा रहा है। डेढ़ माह से अधिक समय हो गया है।
शुभम शुक्ला, बीएसए मुजफ्फरनगर
खुब्बापुर के स्कूल में छात्र के थप्पड़ प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसको रोकने के लिए उठाए गए कदम एवं गाइडलाइन के निर्देश दिए थे। विभाग की ओर से बीएसए शुभम शुक्ला भी सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे। उधर दाखिला होने के बाद बच्चे के आने जाने के खर्च का अभी तक स्थायी समाधान नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बेसिक शिक्षा विभाग ने बच्चे की काउंसिलिंग टाटा इंस्टीट्यूट से करा चुकी है। इंस्टीट्यूट की टीम तीन दिन तक यहां रही थी। टीम ने बच्चे की काउंसलिग के साथ ही अन्य छात्रों एवं आरोपी शिक्षिका से भी मिली थी। इसके बाद टीम ने इस पर अपनी रिपोर्ट बनाकर गत 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। टाटा इंस्टीटयूट की टीम ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सुझाव भी दिए थे। 11 दिसबर में सुप्रीम कोर्ट ने उक्त सुझाव के अनुपालन आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। बीएसए शुभम शुक्ला ने बताया कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। इस दौरान काउंसिलिंग टीम की एडवाइजरी की अनुपालन आख्या प्रस्तुत की जाएगी। वह शुक्रवार 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे।