शामली। प्रशासन ने 162.62 करोड़ रुपये की जिला योजना बनाकर शासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इसमें मात्र 48.89 करोड़ रुपये का बजट ही विभागों को मिला है। कई विभाग ऐसे हैं जिन्हें कोई भी धनराशि नहीं मिली। प्रभारी मंत्री नियुक्त न होने के कारण अंतिम मोहर नहीं लग सकी थी।
हर वर्ष जिला योजना बनाई जाती है और योजना में सभी विभागों से उनका प्रस्तावित बजट का प्रस्ताव मांगा जाता है। सभी विभाग के अधिकारी अपने-अपने विभाग का बजट बनाकर जिला अर्थ एवं सांख्यिकीय अधिकारी को भेजते हैं। जिसके बाद जिला योजना की फाइल तैयार की जाती है। पहली बैठक डीएम की अध्यक्षता व दूसरी बैठक जिला पंचायत अध्यक्ष की अध्यक्षता में की जाती है। उसके बाद अंतिम बैठक प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में कर बजट की फाइल शासन को भेजी जाती है।
अप्रैल माह में दो बैठक करने के बाद 162.62 करोड़ रुपये की जिला योजना पर मोहर लगा दी गई थी। जून तक जब सरकार ने कोई प्रभारी मंत्री नहीं बनाया तो अंतिम मोहर लगाए बिना ही शासन को फाइल भेज दी गई थी। जिसके बाद शासन ने शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य000000, जिला पंचायत, जिला पंचायत राज अधिकारी, पीडब्ल्यूडी, समाज कल्याण सहित कई विभागों को 48.89 करोड़ रुपये का बजट भेज दिया, जो विभागों ने खर्च कर दिया है, लेकिन कई विभाग खाली हाथ रह गए हैं और अब वित्तीय वर्ष समाप्ति की तरफ है, लेकिन बजट आने की उम्मीद नहीं है।
दरअसल जिला योजना में पहले विधायक और सांसद प्रस्ताव देते थे। इसके बाद धन आवंटन कराने के लिए शासन में पैरवी करते थे। जिससे अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक विकास कार्य करा सकें। लेकिन अब विधायकों और सांसदों को पांच-पांच करोड़ की विकास निधि मिलने लगी है। जिससे वह भी अब जिला योजना के लिए धन आवंटन कराने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते।
वर्ष 2023-24 के लिए भी जिला योजना तैयार होनी है, लेकिन अब तक शासन से जिला योजना की फाइल तैयार करने के लिए जिला अर्थ एवं सांख्यिकीय अधिकारी कार्यालय में कोई आदेश नहीं आया है। अभी अधिकारी शासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं कि किस तरह से योजना का खाका तैयार करना है।
शासन से बजट के लिए पत्र लिखा गया था, जिन-जिन विभागों को बजट नहीं मिला है उनकी सूची तैयार की जा रही है। – डाॅ. हरेंद्र सिंह, जिला अर्थ एवं सांख्यिकीय अधिकारी, शामली