नई दिल्ली. अपने घर का सपना देख रहे गरीबों के लिए एक अच्छी खबर है. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत उत्तर प्रदेश में 8 लाख घरों की मांग को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. जिसके लिए 10 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग्रामीण विकास मंत्रालय का आभार जताया है. ये आवास मार्च, 2024 तक बनकर तैयार हो जाएंगे. नीचे खबर में जानिए इस योजना का लाभ कौन ले सकता है और इसका क्या प्रोसेस है.
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के जरिए अब तक प्रदेश में 27 लाख आवास बनाए जा चुके हैं. वहीं अब 8 लाख नए आवासों की मंजूरी मिलने के बाद यूपी पहला ऐसा राज्य होगा, जहां जहां सबसे ज्यादा 35 लाख से अधिक आवास ग्रामीण इलाके में होंगे. गौरतलब है कि हर गरीब का अपना घर हो इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं. इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 8,62,767 नये आवास की मांग की थी.
सीएम योगी का यह प्रयास सफल हुआ है. केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उनकी मांग पर मुहर लगाते हुए 8,62,767 नए आवास को स्वीकृत करते हुए 10 हजार करोड़ की धनराशि जारी कर दी है. सभी आवास मार्च 2024 तक बनकर तैयार हो जाएंगे. ऐसे में पूरे देश में उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य होगा जहां ग्रामीण इलाके में सबसे ज्यादा 35 लाख से अधिक आवास बनाए गए.
बता दें, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के जरिए गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए 1 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण शुरू की गई, इससे पहले इसका नाम इंदिरा आवास योजना था. जिसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रह रहे ग्रामीण लोगों की मदद कर उनको पक्का आवास उपलब्ध कराना है. इसके लिए सरकार मैदानी क्षेत्र में 1.20 लाख रुपये और पर्वतीय राज्यों में 1.30 लाख की मदद उपलब्ध कराती है.
योजना का लाभ लेने वालों में एससी/एसटी, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-एससी/एसटी श्रेणियाँ, विधवाओं या कार्रवाई में मारे गए रक्षाकर्मियों के परिजन, पूर्व सैनिक एवं अर्द्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति तथा अल्पसंख्यक शामिल हैं. लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना, 2011 के आंकड़ों में हाउसिंग डेप्रिवेशन पैरामीटर्स का उपयोग करके किया जाएगा, जिसे ग्राम सभाओं द्वारा वेरिफाई किया जाएगा. बता दें, घर का न्यूनतम आकार 25 वर्ग मीटर होगा. घर में बिजली कनेक्शन, स्वच्छ खाना पकाने की जगह जैसी सभी बुनियादी सुविधायें शामिल होंगी.
बता दें, आप योजना के लिए आप सीधे अप्लाई नहीं कर सकते हैं. इसके लिए 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना के आंकड़ों का उपयोग किया जाता है. सबसे पहले डेटा के आधार पर लाभार्थियों की लिस्ट तैयार की जाती है. जिसमें उन लोगों को प्राथमिकता दी जाती है जो ज्यादा जरूरतमंद हैं. इसके बाद इसे वेरिफिकेशन के लिए ग्राम सभाओं में भेजा जाता है. जिसकेबाद एक फाइनल लिस्ट जारी की जाती है.
हालांकि आप प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण की लिस्ट में अपना नाम ऑनलाइन चेक कर सकते हैं. इसके लिए आपको PMAYG साइट की वेबसाइट https://rhreporting.nic.in/netiay/Benificiary.aspx पर जाना होगा. यहां आप मेन्यू में दिए गए ‘Stakeholders’ के ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद ‘Beneficiary’ के विकल्प पर जाएं और अपना नंबर दर्ज करें. इसके अलावा आप एडवांस सर्च से भी बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के नाम चेक कर सकते हैं.