मेरठ। कोविड महामारी के कारण दी साल बंद रही सेना की विभिन्न भर्तियों पर फर्जीवाड़े से जुड़े लोगों ने पैनी नजर बना रखी है। अग्निवीर भर्ती से लेकर सिविल भर्ती तक हर संभव कोशिश करके फर्जी कागजातों के जरिए भर्ती करने व कराने का खेल जोरों पर चल रहा है। मेरठ छावनी में तैनात सेना की खुफिया एजेंसी की टीम पिछले कुछ समय से लगातार ऐसे लोगों पर नजर रख रही है।
मुजफ्फरनगर में चल रही अग्निवीर भर्ती रैली में फर्जीवाड़ा करने वालों को पकड़ने के बाद अब रुड़की में चल रहे सिविल भर्ती में भी फर्जी कागजातों से भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने वाले पकड़े गए हैं। इसी कड़ी में मेरठ आर्मी इंटेलिजेंस को सूचना मिली कि रुड़की बंगाल इंजीनियर ग्रुप एंड सेंटर (बीईजी) में चौकीदार और धोबी की नौकरी के लिए सिविल डिफेंस सर्विसेज परीक्षा देने के लिए भी एक साल्वर गैंग के तीन लोग परीक्षा देने आए थे।
वाट्सएप चैटिंग देखने के बाद मेरठ आर्मी इंटेलिजेंस ने रुड़की पुलिस के अधिकारियों से संपर्क कर तीनो साल्वर गैंग के लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आर्मी इंटेलिजेंस और पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के जिलानी गांव निवासी दीपक सहारन (22), आगरा के मिर्जापुर गांव के देवेश (20) और आगरा के कगरोल गांव के हेमंत कुमार (23) के रूप में हुई है।
यह तीनों पश्चिम यूपी के विभिन्न जिलों, हरियाणा और आसपास के क्षेत्र के युवाओं को फर्जी कागजातों के जरिए नौकरी दिलाने के झांसे में लेते हुए पकड़े गए हैं। तीनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। एमआई के अधिकारियों ने आरोपितों को पुलिस के हवाले कर दिया।
आरोपितों ने इस साल जून में बीईजी में विभिन्न नागरिक नौकरियों के लिए आवेदन किया था। जैसे ही बीईजी ने तीन जुलाई को रुड़की में लिखित परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने एडमिट कार्ड जारी किए, तीनों आरोपियों ने अपने-अपने एडमिट कार्ड पर साल्वर की तस्वीरें चिपका दीं। हालांकि, परीक्षा के आयोजक ने लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति देने से पहले प्रवेश पत्र के साथ उपस्थित उम्मीदवारों की तस्वीरें ली थीं।
अंतिम साक्षात्कार के दौरान, एमआई अधिकारियों ने उनकी धोखाधड़ी पकड़ी। जांच के दौरान पता चला कि सहारन, देवेश और हेमंत ने कथित तौर पर अपने साल्वरों को क्रमश: 50,000, 15,000 और 50,000 रुपये दिए थे। बीए प्रोग्राम में द्वितीय वर्ष के छात्र देवेश और बीए में प्रथम वर्ष के छात्र हेमंत ने चौकीदार के पद के लिए आवेदन किया था, जबकि मैट्रिक पास देवेश ने धोबी पद के लिए आवेदन किया था। इनके अलावा भी खुफिया एजेंसी अन्य अभ्यर्थियों की जांच कर रही है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि रुड़की में होने वाली इस चयन प्रक्रिया में इस क्षेत्र से और भी युवा शामिल हो सकते हैं।