हापुड़। भीषण गर्मी में बिजली की मांग बढ़ते ही कोयला संकट गहरा गया है। स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गढ़मुक्तेश्वर रेलवे स्टेशन पर महीनेभर में कोयले की 12 रैक उतरती हैं, लेकिन पूरे अप्रैल में सिर्फ एक रैक ही उतर सकी है।
यहां उतरने वाला कोयला मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर के पेपर मिलों में पहुंचाया जाता है। ऐसे में कोयला नहीं मिलने की वजह से पेपर मिल संचालकों के सामने भी संकट खड़ा हो गया है। रेलवे अफसरों ने बिजली के लिए कोयले की आपूर्ति सुचारू रखने के लिए दिल्ली-मुरादाबाद रेलवे ट्रैक पर चलने वाली पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन को रद्द कर दिया है। हापुड़ स्टेशन से गुजरने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस को अग्रिम आदेशों तक रद्द कर दिया गया है।
गढ़मुक्तेश्वर के स्टेशन अधीक्षक शिवमूर्ति सिंह ने बताया कि गर्मी के सीजन में बिजली की डिमांड अधिक हो जाती है। इसलिए कोयले का संकट हो जाता है। स्टेशन पर कोयले से लदी मालगाड़ियों का आवागमन रहता है। हर महीने 12 रैक कोयला स्टेशन पर उतरता है। यहां से कोयला ट्रकों में लोड होकर मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर के पेपर मिलों को पहुंचाया जाता है। अप्रैल महीने में स्टेशन पर सिर्फ एक रैक ही उतर सकी है।
आने वाले दिनों में कोयले का संकट और गहरा सकता है। इससे पेपर मिल संचालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि अभी केंद्र सरकार की ओर से रेलवे को ऐसा कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है , जिससे यह पता लग सके कि कब तक कोयले की आपूर्ति इन मिलों के लिए होनी है। दिल्ली-मुरादाबाद रेलमार्ग पर चलने वाली आठ ट्रेनों को निरस्त किया गया है।