अयोध्या। समय पर जांचें न हो पाने से बहुत समय तक लोग रोग से ही अनजान रहते हैं। इसका उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। विभिन्न कारणों से लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिमाह औसतन 50-60 महिलाओं में सर्वाइकल, स्तन समेत अन्य कैंसर के मामले सामने आते हैं। इनकी स्क्रीनिंग के बाद सीबीसी, कैंसर मार्कर समेत कुछ मामूली जांचें ही हो पाती हैं। रोगों का पता लगाने में सहायक गामा कैमरा, पेट सीटी स्कैन, आईएचसी (इम्युनो हिस्ट्रो केमिस्ट्री), फ्लो साइटोमेट्री आदि की सुविधा नहीं है।
जांचों के अभाव में अन्य विभागों में बहुत से मरीजों में रोगों की जानकारी नहीं हो पाती है। बाद में समस्याएं बढ़ने पर लोग हायर सेंटर की तरफ रुख करते हैं, तब तक रोग के कई चरण बीत चुके होते हैं। ऐसे में मरीजों को अधिक समस्याओं से जूझना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ अंगों में कैंसर होने पर उनका ऑपरेशन सर्जरी विभाग में होता है। अन्य मामलों को रेफर किया जाता है।
जिला महिला अस्पताल में सिर्फ सर्वाइकल कैंसर के स्क्रीनिंग की व्यवस्था है। सीएमएस डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि वर्ष 2023 में 560 महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई। मुख्य रूप से कैंसर के कारण थकान, अस्पष्टीकृत वजन कम होने की समस्या, त्वचा में परिवर्तन जैसे पीला या काला पडऩा, निगलने में कठिनाई, अस्पष्टीकृत रक्तस्राव की समस्या आदि कैंसर का संकेत हो सकती है। कहीं भी असामान्य तरीके से गांठ महसूस होने पर तत्काल जांच कराएं।
महिलाओं में खासतौर से सर्वाइकल कैंसर व स्तन कैंसर के मामले अधिक होते हैं। कई बच्चे होने, कम उम्र में शादी करने व असुरक्षित यौन संबंध समेत अन्य कारणों से सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा रहता है। शुरू में बदबूदार पानी आना, रक्तस्राव होना, मासिक धर्म में अनियमितता आदि लक्षण नजर आते हैं।
बाद में अगल-बगल के अंगों में भी इसका प्रभाव फैल जाता है। इससे बचाव के लिए सर्वाइकल कैंसर का टीका लगवाएं। कम उम्र में शादी न करें। बीच-बीच में जांचें कराते रहें। पता लगने पर इलाज शुरू कराएं। वहीं, स्तन में गांठ होना, त्वचा संतरे के जैसे हो जाना, खुजली होना आदि स्तन कैंसर के लक्षण हैं। स्तन में गांठें दिखने पर तुरंत ही चिकित्सक से संपर्क करें।