मुजफ्फरनगर। प्रदेश के निजी प्राविधिक शैक्षणिक संस्थाओं के लिए राज्य सरकार ने शुल्क तय कर दिया है। व्यवसायिक कोर्स करा रही शिक्षण संस्थाएं निर्धारित शुल्क से अधिक की वसूली नहीं कर पाएगी।
डीआईओएस गजेंद्र कुमार ने बताया कि व्यवसायिक कोर्स संचालित करने वाली शिक्षण संस्थाएं छात्र-छात्राओं से अब मनमानी फीस नहीं वसूल सकेगी। राज्य सरकार से निर्धारित फीस से अधिक नहीं ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि बीटेक, बी फार्मा, एमटेक, एमफार्मा, बीएफए, एमएफए आदि का शुल्क तय हो चुका है।
राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र के डिप्लोमा स्तरीय तकनीकी संस्थानों में तीन वर्षीय सभी पाठ्यक्रम एवं फार्मेसी पाठ्यक्रम का शुल्क भी तय कर दिया है। इसमें डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग का शुल्क 30 हजार 150 रुपये प्रति वर्ष, डीफार्मा का 45 हजार, डीआर्क का 30 हजार 250 रुपये, डीएचएमसीटी का 31 हजार 300 प्रति वर्ष निर्धारित किया गया है। दो वर्षीय अन्य पाठ्यक्रमों का 22 हजार 500 निर्धारित किया है। इस शुल्क में छात्रावास शुल्क, विश्वविद्यालय बोर्ड परीक्षा शुल्क, जमानत की धनराशि इसमें शामिल नहीं है।
किस कोर्स की कितनी फीस
कोर्स निर्धारित फीस
बीटेक 55 हजार रुपये
बीफार्मा 63 हजार 300 रुपये
बी आर्की 57 हजार 730 रुपये
बीएफए 85 हजार 250 रुपये
बीएफएडी 85 हजार 250 रुपये
बीएचएमसीटी 70 हजार रुपयेे
एमबीए 58 हजार 700 रुपये
एमसीए 55 हजार रुपये
एम फार्मा 68 हजार 750 रुपये
एम आर्की 57 हजार 500 रुपये
एम टेेक 57 हजार 500 रुपये
प्रशासन के माध्यम से निर्धारित शुल्क की जानकारी शिक्षण संस्थाओं के दे दी गई है। शासन के आदेश का पालन नहीं करने वाले संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी।