शामली। शहर में एक बार फिर प्राईवेट चिकित्सक द्वारा मानवता को तार-तार कर देनी वाली घटना प्रकाश में आई है। शहर के बुढाना रोड स्थित एक महिला प्राईवेट चिकित्सक ने इलाज के नाम पर एक माह तक नवजात को उपचार का बहाना बनाते हुए भर्ती किए रखा और मौत हो जाने पर परिजनों को शव सौंपने की एवज में लाखों रूपये का बिल हाथों में थमा दिया। जिससे हंगामा खडा हो गया और मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में जाने के बाद चिकित्सक ने गलती स्वीकार करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया। हालाकि चिकित्सक पर ईलाज के नाम पर 50 हजार से अधिक की रकम लिए जाने का आरोप परिजनों ने लगाया है।
ऊन क्षेत्र के गांव टोडा निवासी नव्या चैधरी पत्नी अजीत सिंह को एक सतवासी पुत्री का जन्म हुआ था। समय से पहले पुत्री का जन्म हो जाने पर कमजोरी हो जाने के कारण गत 21 जून को शहर के बुढाना रोड स्थित प्राईवेट महिला चिकित्सा को दिखाया गया। जहां चिकित्सक द्वारा नवजात को उपचार देने के लिए भर्ती कर लिया गया। करीब एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नवजात की हालत में कोई सुधार नही हुआ और महिला चिकित्सक द्वारा लगभग 50 हजार रूपये धीरे धीरे कर उपचार के नाम पर ले लिए गए। शनिवार देर रात्रि नवजात की मौत होने की जानकारी महिला चिकित्सक द्वारा परिजनों को दी गई और शव सौंपने की एवज में एक 1.23 लाख का बिल हाथ में थमा दिया गया। परिजनों द्वारा इतना बिल देने में असमर्थता जताई गई तो आरोप है कि चिकित्सक द्वारा शव सौंपने से स्पष्ट इंकार कर दिया गया।
सुबह होने पर मामले की जानकारी परिजनों द्वारा जिला प्रशासन को देते हुए हाॅस्पिटल में हंगामा किया गया तो महिला चिकित्सक पर केवल पैंसे ऐठने के लिए ईलाज करने का आरोप लगाते हुए खरी खोटी सुनाई। करीब एक घंटे तक हंगामा चलता रहा तो जिला प्रशासन द्वारा भी परिजनों को कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया गया। कार्यवाही की आंच की लपेट में आने की जानकारी आती ही महिला चिकित्सक ने नवजात के शव को परिजनों को सौंप दिया। हंगामा करने वालों में हैप्पी, कल्लू, नितिन शर्मा, उपेन्द्र, अरविन्द आदि मौजूद रहे।