बागपत। बड़ौत को मुजफ्फरनगर से जोड़ने वाला कृष्णा नदी के ऊपर बना पुल जर्जर हालत में पहुंच चुका है, जबकि इस पुल रोजाना बड़ी संख्या में भारी वाहनों आना-जाना लगा रहता है। जर्जर पुल पर खतरों से भरे सफर को लेकर प्रशासन भी खामोश है। जर्जर पुल पर आखिर आवागमन कितना सुरक्षित है, इसे लेकर जिम्मेदार बेखबर हैं।
पिछले दिनों गुजरात के मोरबी में बड़ा पुल हादसा हुआ था। जिसके बाद शासन ने सभी जिलों के अधिकारियों से जर्जर पुलों के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी। बड़ौत को मुजफ्फरनगर जनपद से जोड़ने के लिए वर्ष 1979 में कृष्णा नदी पर पुल का निर्माण कराया गया था। यह पुल आरसीसी से बनाया गया था। अब पुल की हालत जर्जर स्थिति में पहुंची हुई है। आरसीसी सड़क जगह-जगह से टूट चुकी है। जिससे कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस पुल से हर रोज काफी वाहन गुजरते है। इनमें बड़ी तादाद में भारी वाहन भी शामिल रहते है, लेकिन प्रशासन इस बात से बेखबर होकर शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
पुल जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। जिससे आने-जाने वाले वाहन चालकों को परेशानी का सामान करना पड़ता है। गड्ढा होने से गाड़ी में अक्सर टूट फुट हो जाती है। इस और प्रशासनिक अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। पुल में हुई टूट-फूट की मरम्मत होनी बहुत जरूरी है।
यह पुल करीब 45 साल पुराना हो चुका है, लेकिन आज तक पुल की मरम्मत नहीं कराई है। पुल में जंप अधिक होने लगा है। पुल के पास से सड़क धंस चुकी है। प्रशासन की लापरवाही वाहन चालकों पर भारी पड़ सकती है। पुल की मरम्मत होना बेहद जरूरी है।
कृष्णा नदी का पुल काफी पुराना हो चुका है। जिससे पुल के बीच में जगह-जगह दरारें आने लगी है। इस पुल से प्रतिदिन भारी संख्या में वाहनों आवागमन होता है। यह पुल बागपत को मुजफ्फरनगर से जोडने वाला है।
कृष्णा नदी पर बना पुल जर्जर हो गया है। यह पुल बड़ौत को मुजफ्फरनगर मार्ग से जोड़ने वाला है। बड़ौत से मुजफ्फरनगर बहुत अधिक संख्या में वाहनों का आना जाना होता है। दिन भर मार्ग पर छोटे बड़े वाहनों का आवागमन होता है। पुल के दोनों साइड की सड़क भी धंसनी शुरु हो गई है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।