मुज़फ्फरनगर। परिवारों के पलायन को लेकर तो आपने तमाम खबरें देखी होंगी, लेकिन शायद ही कभी आपने भगवान का पलायन देखा है। मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना से एक ऐसा ही अजीब-ओ-गरीब मामला सामने आया है। यहां 500 साल पुराने जैन मंदिर से भगवान चंद्रप्रभु का पलायन कराया जा रहा है। बता दें कि कैराना के पलायन को चुनावी मुद्दा बनाकर देश और प्रदेश की सत्ता में आयी बीजेपी के राज में भी पलायन हो रहा है। ,बुढ़ाना इलाके के एक गांव से जैन धर्म के लोग पलायन कर रहे है। स्थिति यहाँ तक बन गयी है कि वहां से सदियों पुराने मंदिर को भी खाली करके भगवान की मूर्ति भी स्थानांतरित की जा रही है।
दरअसल पूरा मामला जनपद मुज़फ्फरनगर के बुढ़ाना थाना क्षेत्र के गाँव हुसैनपुर कला गाँव का है। जो की 90 के दशक में जैन समाज का बाहुल्य गाँव हुआ करता था। जैन समाज के लोगों के पास गाँव का जमीदारा हुआ करता था। लेकिन गाँव में जैन समाज के लोगों के घर एक के बाद एक डकैती के दौरान हत्या होने की घटना ने गाँव को हिला कर रख दिया था। जिसके बाद कुछ परिवार डकैती की घटनाओं के कारण तो कुछ रोज़गार व शिक्षा के लिए गाँव के पलायन कर गए थे। अब समय ये आया की गाँव में जैन समाज का एक भी व्यक्ति नही बचा है। अगर कुछ बचा है तो वो बचा है 500 साल पुराना जैन समाज का मंदिर। जैन समाज के लोग अब मंदिर में स्थापित भगवान चंद्रप्रभु की मूर्तियों को भी पलायन कराकर बुढ़ाना क़स्बे के जैन मंदिर में स्थापित करने की पूरी तैयारी कर चुके है। मूर्तियों को दूसरी जगह स्थापित करने के पीछे का कारण मंदिर के जर्जर होना व मंदिर की देखरेख करने वालो का ना होना बताया गया है। हालाँकि गाँव वाले अन्य समाज के लोग मंदिर से मूर्तिया जाने से दुख प्रकट कर रहे है। 25 मई को बैंड बाजे के साथ गाँव से मूर्तियों को लेकर बुढ़ाना क़स्बे के जैन मंदिर में स्थापित किया जाएगा और भगवान की पूजा अर्चना की जाएगी।
जैन मंदिर की देखरेख करने वाले राजपाल जैन ने बताया की ये तो बहूत पुराना गाँव है। यहाँ पर तो पता नहीं कितनी पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं। अब यहाँ पर कोई नहीं रहा है इसके पीछे कारण रोज़गार व पहले डकैतों का डर था यहाँ पर डकैती पड़ी थी जिसमें बाप बेटे दोनों को मार दिये थे। वहाँ से जब से लोग चले गये उससे पहले एक डकैती पड़ी थी उसमे एक लड़के को मार दिया था उसके बाद वे चले गए यहाँ से ।तो सब यहाँ से डकैतों के वजह से चले गए। कुछ रोज़गार की वजह से और कुछ इस डर के वजह से चले गए।
सच्चाई यही है मंदिर जर्जर हो रहा है पता नहीं कितना पुराना मंदिर है ये दरारें पड़ी हुई है कब गिर जाए पता नहीं । इसका यहाँ पर कोई इंतज़ाम नहीं होता हमारे यहाँ ये विधान है। मंदिर में पूजा रोज़ होनी चाहिए नही होगी तो समाज में बोझ है अब इस वजह से मंदिर में पुजारी भी रखा लेकिन वो गुटखा खाता था और शराब पिता था उन्हें भगा दिया। अब तो मजबूरी है यहाँ कोई पूजा करने नहीं आता जब कोई नहीं आता तो हमने सलाह करके इन्हें भी बुढ़ाना ही शिफ्ट करने की बात रखी।