यूपी। बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के लिए सोमवार का दिन बेहद अहम होगा। वाराणसी के बहुचर्चित 32 वर्ष पुराने अवधेश राय हत्याकांड का फैसला सोमवार को होगा। पूर्वांचल में सभी की निगाहें सोमवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम के फैसले पर टिकी है। मामले में मुख्य आरोपी माफिया मुख्तार अंसारी है। उसकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी भी हो सकती है।
अवधेश राय हत्याकांड में अदालत मुख्तार को दोषी पति है या बरी करती है यह सोमवार को तय होगा। बीते एक साल में मुख्तार अंसारी को चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। लेकिन इन सभी मामलों में अवधेश राय हत्याकांड का मामला सबसे बड़ा और सबसे बड़ी सजा के प्रावधान का है, जिसमें मुख्तार अंसारी समेत नामजद चार आरोपियों की किस्मत का फैसला होगा।
लोग जानना चाहेंगे कि मुख्तार को कैसी सजा मिलती है या वह बरी हो जाता है। अवधेश राय हत्याकांड पर आने वाले फैसले के मद्देनजर सिविल कोर्ट परिसर के साथ ही नौ मंजिला बिल्डिंग स्थित अदालत कक्ष की सुरक्षा का खाका खींचा गया है। सिविल कोर्ट परिसर में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर पुलिस और खुफिया विभाग के लोगों की नजर रहेगी। हालांकि, सिविल कोर्ट में ग्रीष्मावकाश के कारण आम दिनों की अपेक्षा चहल-पहल कम रहेगी।
अवधेश राय पूर्व मंत्री व पिंडरा के कई बार विधायक रहे और अब कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई हैं। तीन अगस्त 1991 को वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके में रहने वाले कांग्रेस नेता अवधेश राय अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे। सुबह का वक्त था। एक वैन से आए बदमाशों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी।
अवधेश राय को गोलियों से छलनी कर दिया गया। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना से पूरा पूर्वांचल सहम उठा था। पूर्व विधायक अजय राय ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया। साथ में भीम सिंह, कमलेश सिंह, मुन्ना बजरंगी व पूर्व विधायक अब्दुल कलाम (चारों मृत) और राकेश न्यायिक आदि भी शामिल बताए गए।
इस प्रकरण की सुनवाई पहले बनारस की ही एडीजे कोर्ट में चल रही थी लेकिन 23 नवंबर 2007 को सुनवाई के दौरान ही अदालत के चंद कदम दूर ही बम ब्लास्ट हो गया। एक आरोपी राकेश न्यायिक ने सुरक्षा को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली और काफी दिनों तक सुनवाई पर रोक लगी रही। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट के गठन होने पर इलाहाबाद में सुनवाई शुरू हुई। फिर बनारस में एमपी/एमएलए की विशेष कोर्ट के गठन होने पर सिर्फ मुख्तार अंसारी के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई जबकि राकेश न्यायिक की पत्रावली अभी भी वहीं पर लंबित है।
हत्या जैसे मामले में फोटोस्टेट पत्रावली के आधार पर सुनवाई का संभवत: यह पहला प्रकरण है। इसके बाद मामला हाईकोर्ट तक गया। लेकिन, लंबी कानूनी प्रक्रिया के तहत यहीं की अदालत में सुनवाई पूरी हुई। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने पांच जून को फैसले के लिए पत्रावली सुरक्षित रख ली है।
कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि बड़े भाई की हत्या करने वाले अपराधियों के खिलाफ तीन दशक से ज्यादा समय से संघर्ष कर रहा हूं। माफिया के धनबल, बाहुबल और सत्ता से गठजोड़ के आगे कभी नहीं झुका। न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है। बड़े भाई की नृशंस तरीके से हत्या करने वाले को अदालत कठोरतम सजा से दंडित करेगी। इसका भरोसा है।