प्रयागराज. उमेश पाल हत्याकांड में फरार गुड्डू मुस्लिम को लेकर एक और बात सामने आई है। चर्चा है कि वारदात के बाद उसने कौशांबी में शरण ली थी। वह दो दिन तक पिपरी के अवघन स्थित एक फार्म हाउस में छिपा रहा था। भनक लगने पर फोर्स ने छापा भी मारा, लेकिन इससे पहले ही वह निकल भागा था। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
चर्चा यह भी है कि गुड्डू मुस्लिम को कौशांबी स्थित फार्म हाउस में शरण दिलाने में राजूपाल हत्याकांड के शूटर अब्दुल कवि ने मदद की थी। इस काम में उसका सहयोग अवघन में रहने वाले दो सगे भाइयों ने किया था।
उन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और अक्सर उनकी तस्वीरें व वीडियो अतीक, अशरफ व गैंग के अन्य सदस्यों संग सामने आती रहती थीं। दोनों का एक ठिकाना करेली में भी है। हालांकि, फिलहाल इस सूचना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। उधर, पुलिस अफसर इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
हत्या से पहले उमेश पाल को अतीक की ओर से फोन पर धमकी दिए जाने की बात से उमेश के घरवालों ने साफ इन्कार किया है। उमेश के भतीजे दिव्यांश पाल ने बताया कि गुड्डू मुस्लिम उसके घर कभी नहीं आया। न ही कभी चाचा उमेश ने उसे या परिजनों को ऐसी कोई बात बताई कि अतीक ने उन्हें फोन पर धमकी दी है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ऐसी चर्चा रही कि गुड्डू मुस्लिम हत्याकांड से पहले उमेश के घर गया था और उसने अपने फोन से उमेश की अतीक से बात कराई थी।
माफिया अतीक अहमद और अशरफ पर विभिन्न अदालतों में चल रहे मुकदमे अब बंद किए जाएंगे। मुकदमों के विवेचकों की ओर से कोर्ट में दोनों की मृत्यु रिपोर्ट दाखिल किए जाने के बाद अदालत इस पर मुहर लगाएगी। शुक्रवार को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने अतीक के खिलाफ देवरिया जेल में प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को पीटने के मामले को बंद करके इसकी शुरुआत कर दी है।
माफिया अतीक अहमद पर कुल 104 मुकदमे दर्ज हैं। उसके छोटे भाई अशरफ भी 54 मुकदमों में आरोपी था। इनमें से कुछ मामलों में अंतिम रिपोर्ट लग चुकी है, लेकिन कई मामलों में अब भी विवेचना जारी है। बताते हैं कि 50 से अधिक मामले कोर्ट में भी विचाराधीन हैं। 15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में अतीक-अशरफ की हत्या कर दिए जाने के बाद अब इन मुकदमों के चलाए जाने का कोई औचित्य नहीं रह गया है।
हालांकि, यह तभी संभव होगा, जबकि कोर्ट को इसकी औपचारिक सूचना दी जाएगी कि अतीक-अशरफ अब जीवित नहीं हैं। मामलों के विवेचकों की रिपोर्ट के बाद कोर्ट माफिया भाइयों के विरुद्ध फाइल बंद करने के फैसले पर मुहर लगाएगा। हालांकि, जिन मुकदमों में अतीक-अशरफ के सिवाय अन्य लोग भी आरोपी हैं, उनके विरुद्ध मामले चलते रहेंगे।
लखनऊ स्थित सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल ले जाकर पिटाई करने और 45 करोड़ की संपत्ति के कागज पर जबरन हस्ताक्षर कराने के मामले से माफिया का नाम हटाते हुए कहा था कि यह सर्वविदित है कि अतीक की हत्या हो चुकी है। इसमें और औपचारिकताओं की कोई आवश्यकता नहीं।