मेरठ। यूपी काडर के अफसर जकी अहमद के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। उनके खिलाफ कई पुलिसकर्मियों को प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप है। आरटीआई एक्टिविस्ट सौरभ भदौरिया ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। जकी अहमद के खिलाफ पीएमओ में शिकायत की गई थी। पीएमओ ने प्रारंभिक जांच के बाद गृह मंत्रालय को इस बारे में निर्देशित किया है। बता दें कि जकी अहमद मेरठ रेंज के आईजी रहे हैं। वह मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं, फिर मायावती सरकार में भी शासन के करीब थे। सौरभ श्रीवास्तव 7 जुलाई को दिल्ली में शपथपत्र देंगे।
सौरभ भदौरिया ने आरोप लगाया था कि जकी अहमद और एक अन्य अफसर की वजह से वह जिस विंग में तैनात रहे, वह भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया। आरोप है कि इन अफसरों ने ड्यूटी केदौरान मरे पुलिस कर्मियों को मिलने वाले लाभों से भी वंचित कर रखा है। सौरभ भदौरिया का आरोप है कि एक वर्ग विशेष पुलिस कर्मियों का दोष सिद्ध होने के बाद भी उनको क्लीन चिट दे दी गई जब कि बाकी को यूं ही प्रताड़ित किया गया।
आईपीएस जकी अहमद मेरठ में आईजी के पद पर कार्यरत रहे। 2013—14 में उनका कार्यकाल काफी अच्छा रहा रहा।
लोगों को न्याय दिलवाने और अपनी त्वरित कार्यशैली के कारण फरियादी जिले के कप्तान के पास कम डीआईजी जकी अहमद के पास अधिक आते थे। मेरठ से ही उनका प्रमोशन आईजी के पद पर हुआ था। वह 2015 में लखनऊ जोन के आईजी बने।