मेरठ। पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के जेल भेजे गए चारों सदस्यों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। शुरुआती जांच में पता चला है कि जूडो कराटे सिखाने की आड़ में उन्हें केरल में गुरिल्ला युद्ध लड़ने का प्रशिक्षण दिया गया था। उनसे मिले आइफोन से कई राज खुल सकते हैं।
शनिवार को एटीएस और खरखौदा पुलिस ने मोहम्मद शादाब अजीज कासमी निवासी गांव सोंटा रसूलपुर थाना भवन शामली, मुफ्ती शहजाद निवासी गांव नेकपुर थाना मुरादनगर गाजियाबाद, मौलाना साजिद निवासी मामोर कैराना शामली और मोहम्मद इस्लाम कासमी निवासी गांव जोगियाखेड़ा थाना परसौली फुगाना मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार किया था।
पूछताछ में उन्होंने पीएफआइ का सक्रिय सदस्य होना स्वीकार किया। उनकी निशानदेही पर आइएसआइएस से जुड़ा साहित्य, गजवा-ए-हिंद से जुड़ा साहित्य, भड़काऊ पोस्टर और अन्य सामान भी मिला। मुफ्ती शहजाद के पास से आइफोन बरामद हुआ है, जिसमें महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की बात कही जा रही है। जल्द ही पुलिस सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि मामले की जांच सीओ किठौर कर रहे हैं। जल्द ही सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
पीएफआइ के सदस्यों ने पूछताछ में बताया कि जूडो कराटे सिखाने की आड़ में उन्हें हथियार चलाने और हिंसा भड़काने का प्रशिक्षण दिया गया। गुरिल्ला युद्ध लड़ने के लिए तैयार किया गया। उन्हें हिंसा भड़काने के लिए कहा गया था। स्कूल चलो अभियान, स्कालरशिप और राहत बांटो कार्यक्रमों के नाम पर लोगों को पहले जोड़ते थे। इसके बाद उनको भड़काते थे। दुकान-मकान को कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल किया गया।
बताया जाता है कि पीएफआइ के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद खुफिया विभाग को अलर्ट किया गया है। आरोपितों से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। वो पिछले दिनों कहां-कहां गए और किसके संपर्क में आए, इसका विवरण खंगाला जा रहा। 20 दिसंबर 2019 की हिंसा में जेल भेजे गए लोगों से भी इनके संपर्क की पड़ताल होगी।
आरोपितों की निशानदेही पर जो साहित्य मिला है, उसमें से अधिकतर अंग्रेजी में है। बताया गया कि चारों की अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ है। बातों से वह लोगों के दिमाग पर ऐसा असर करते थे कि वह उनके झांसे में आ जाएं। उनके फोन में कई ग्रुप मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है।