नई दिल्ली। पर्यटन मंत्रियों के धर्मशाला में शुरू हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में सद्गुरु जग्गी वासुदेव, पूर्व क्रिकेटर कपिल देव व महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के आनंद महिंद्रा ने पर्यटन विकास के लिए आनलाइन सुझाव दिए। तीनों वक्ताओं का मुख्य फोकस ग्रामीण क्षेत्र रहे। सुझाव दिए कियदि गांवों का विकास होगा तो पर्यटन खुद ब खुद बढ़ जाएगा। तर्क दिए कि व्यवस्थित तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो तो पर्यावरण संरक्षण भी होगा।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने पहले महिला सशक्तीकरण की बात की। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर के सवालों का जवाब देते हुए कहा, गांवों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों एवं पर्यटन स्थलों की तरह सुविधाएं मिलेंगी तो लोग उसे दायरे से बाहर जंगल की ओर नहीं जाएंगे और इससे पर्यावरण भी संरक्षित होगा। तर्क दिया कि जब पर्यटकों को गांवों में सुविधाओं के साथ हेरिटेज पर्यटन देखने को मिलेगा तो उन्हें लंबे समय तक रोका जा सकता है। बकौल जग्गी वासुदेव, हमें प्रयास करना चाहिए कि हवाई अड्डों के 50 किलोमीटर के दायरे वाले क्षेत्रों में सभी सुविधाएं प्रदान करें तो इससे जंगलों में हो रहा अतिक्रमण भी रुक जाएगा। मध्य प्रदेश की पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर व असम के मंत्री के सवालों पर उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि वह अपनी जमीन पर अधिक से पौधे लगाएं। इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा सरकारों को चाहिए कि अपने क्षेत्रों के हिसाब से पशु-पक्षियों की संख्या में वृद्धि करें तो इससे वाइल्ड लाइफ पर्यटन बढ़ेगा। विभागों के अधिकारी व कर्मचारी सप्ताह में एक बार सांस्कृतिक वेशभूषा में आएं तो सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
आनंद महिंद्रा ने कहा कि पहले राज्यों को अपनी खासियत का आकलन करना चाहिए और इसके आधार पर ही गांवों का विकास करना चाहिए। तर्क दिया कि आज स्थिति यह है कि शहरों में इतना अधिक निर्माण हो चुका है कि पर्यटक गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। कहा, पर्यटकों की मांग के अनुसार गांवों में पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे तो लंबे समय तक बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। इससे ग्रामीण पर्यटन को रफ्तार मिलेगी।
पूर्व क्रिकेटर कपिल देव ने कहा कि भारत में जब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच होता है तो विदेशों से भी दर्शक आते हैं। ऐसे दर्शकों को पर्यटकों के रूप में लंबे समय तक रोकने के लिए विशेष आफर व सुविधाएं देनी चाहिए। अब भी बहुत से ऐसे खेल हैं जिन्हें भारत में तवज्जो नहीं दी जाती है। ऐसे खेल को ग्रामीण स्तर से प्रोत्साहित किया जाए और भारत में ही अंतरराष्ट्रीय आयोजन करवाए जाएं तो और अधिक दर्शक भारत आएंगे व इससे खेल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।