नई दिल्ली। चुनाव आयोग से भारतीय जनता पार्टी को मंगलवार को बड़ा झटका लगा। ईसी ने अपने फैसले में बीजेपी का विवादित विज्ञापन हटाने के लिए कहा है। आयोग ने माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट एक्स को निर्देश दिया कि कर्नाटक भाजपा की ओर से पोस्ट आपत्तिजनक विज्ञापन को हटाया जाए। दरअसल, कर्नाटक में विपक्षी दल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेश के बाद भी इसे नहीं हटाया था। आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर पहले ही थ्प्त् दर्ज की जा चुकी है। कांग्रेस की ओर से यह मामला जोरशोर से उठाया जा रहा था।
कांग्रेस ने कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की थी। इसमें उन पर अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने का आरोप लगाया गया। साथ ही कहा गया कि इससे कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। वीडियो में कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कुछ आरोप लगाए गए थे। ऐसा कहा गया कि केंद्र में विपक्षी पार्टी आरक्षण और फंड आवंटन में पिछड़े वर्गों की तुलना में मुसलमानों का पक्ष लेती है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसे लेकर पुलिस और चुनाव आयोग के समक्ष याचिका दायर कर दी। इसमें आरोप लगाया कि वीडियो में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है, जिसमें कांग्रेस को आरक्षण और फंड आवंटन में पिछड़े वर्गों की तुलना में मुसलमानों का पक्ष लेते दिखाया गया है।
बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय और प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अगर लोकसभा चुनावों की बात करें तो कर्नाटक की 14 सीटों के लिए दूसरे और आखिरी चरण में आज मतदान हुआ। यह राज्य अपने यहां से 28 सांसदों को संसद भेजता है। बाकी 14 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान हुआ था। मतगणना 4 जून को होनी है। 2019 के आम चुनाव की बात करें तो भाजपा ने 28 में से 25 सीटें जीती थीं। कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) उस वक्त राज्य सरकार में गठबंधन में थे, जिनके खाते में केवल एक-एक सीट आई।