सहारनपुर। देवबंद में आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर पर हमला करने वाले अंबाला से गिरफ्तार चारों आरोपियों को पुलिस ने अदालत में पेश कर जेल भेज दिया। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे चंद्रशेखर की बयानबाजी से नाखुश थे। इसी के चलते हत्या के इरादे से चंद्रशेखर पर गोली चलाई। मेरठ से लौटते समय आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों के पास से दो तमंचे भी बरामद हुए हैं।
पत्रकार वार्ता के दौरान डीआईजी अजय कुमार साहनी ने वारदात का खुलासा किया। डीआईजी ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए सर्विलांस और स्वॉट सहित पुलिस की पांच टीमें काम कर रही थी। आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम ने उत्तराखंड, हरियाणा और मुजफ्फरनगर में दबिश दी। शनिवार को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी अंबाला की अदालत में आत्मसमर्पण की फिराक में है। पता लगते ही सहारनपुर पुलिस टीम सक्रिय हो गई। आरोपियों को अदालत में जाने से पूर्व हरियाणा एसटीएफ को साथ लेकर पुलिस ने कस्बा शहजादपुर जिला अंबाला हरियाणा में एक ढाबे से गिरफ्तार किया।
आरोपियों में विकास उर्फ विक्की पुत्र प्रीतम, प्रशांत पुत्र विक्रम कुमार, लविश पुत्र विरेंद्र सिंह निवासी गांव रणखंडी कोतवाली देवबंद और विकास उर्फ विक्की पुत्र शिव कुमार निवासी गौंदर थाना निसिंग जिला करनाल हरियाणा शामिल हैं। आरोपियों ने बताया कि पिछले कई दिनों से वह चंद्रशेखर की बयानबाजी से नाखुश थे। चंद्रशेखर ने दिल्ली सहित आसपास के इलाकों में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान गलत बयानबाजी की थी, जिससे उन्हें ठेस पहुंची।
डीआईजी ने बताया कि बुधवार को आरोपी मेरठ से विकास उर्फ विक्की निवासी करनाल को लेकर लौट रहे थे। रोहाना टोल प्लाजा के पास उन्होंने कारों का काफिला देखा। तब, उन्हें पता चला कि काफिला आसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर का है। इसके बाद वह काफिले के पीछे लग गए। उस समय दिल्ली से लौटते समय चंद्रशेखर देवबंद में अपने एक कार्यकर्ता घर गए थे। जैसे ही वह कार्यकर्ता के घर से निकले तो आरोपियों ने यूनियन तिराहे के पास चंद्रशेखर की कार के बराबर में आकर गोलियां चलाई और फरार हो गए।
आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को डीजीपी ने 50 हजार का इनाम और एसएसपी डा. विपिन ताडा को प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है। वारदात के बाद आरोपियों की कार का पेट्रोल खत्म हो गया था। इसीलिए उन्होंने देवबंद क्षेत्र के गांव मिरगपुर में कार को छोड़ दिया और खेतों जाकर छिप गए। अगले दिन ट्रेन के जरिए वह हरियाणा के जनपद अंबाला गए थे।
कार गौंदर थाना निसिंग जनपद करनाल की है। घटना वाले दिन विकास ही कार चला रहा था। उसके बराबर की सीट पर रणखंड़ी निवासी प्रशांत बैठा था। पिछली सीट पर लविश और विकास निवासी रणखंडी बैठे हुए थे। पहली गोली प्रशांत ने चलाई। इसके बाद दो राउंड फायरिंग लविश ने की, जिसमें चंद्रशेखर घायल हुए।