शामली। हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले 121 किमी लंबे अंबाला-शामली इकोनॉमिक ग्रीन फील्ड कॉरिडोर एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए सहारनपुर और शामली जिले में दीपावली बाद निर्माण एजेंसी भूमि पर कब्जे की कार्रवाई शुरू कर देगी। दोनों जिले में किसानों को मुआवजा बांटने में तेजी आई है। सहारनपुर जिले के 32 गांवों में 40 करोड़ रुपये, शामली जिले के 12 गांवों के किसानों को 50 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित कर दिया गया है।
भारत माला परियोजना के तहत 121 किमी लंबाई वाले अंबाला-शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे अंबाला से शुरू होकर कुरुक्षेत्र, करनाल व यमुनानगर से होते हुए सहारनपुर और शामली जिले को जोड़ते हुए थानाभवन क्षेत्र के इस्लामपुर भैसानी के पास दिल्ली-देहरादून इकोनामिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे में मिलेगा। बाद में गोरखपुर तक इसके विस्तार की प्रक्रिया शुरू होगी।
अंबाला से लेकर शामली तक इस इकोनॉमिक कॉरिडोर पर 3663.80 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसकी चौड़ाई 60 मीटर होगी। सहारनपुर जिले में नकुड़-ननौता-देवबंद मार्ग पर एक इंटरचेंज कट और शामली जिले में थानाभवन और जलालाबाद के बीच दिल्ली-सहारनपुर हाईवे और ग्राम भैसानी इस्लामपुर में दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड इकोनामिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे पर इंटरचेंज यानी कट होंगे। जिससे हल्के और भारी वाहन अंबाला-शामली, इकोनॉमिक कॉरिडोर और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर आवागमन कर सकेंगे।
छह लेन के अंबाला-शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे पर अंबाला और शामली में रेलवे के छह लेन के फ्लाईओवर बनेंगे। जिले में थानाभवन-जलालाबाद के बीच रेलवे का छह लेन का ओवरब्रिज बनेगा। सहारनपुर जिले के नकुड़ क्षेत्र से और हरियाणा के करनाल जिले के चंदेव गांव के पास तक यमुना नदी पर एक किमी लंबा छह लेन का पुल बनेगा। अंबाला-शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर के अंबाला पीआईयू के साइट इंजीनियर अमित शर्मा ने बताया कि सहारनपुर जिले के किसानों को 40 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया गया। यह एक्सप्रेसवे वर्ष 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। सहारनपुर और शामली जिले में तीन प्लांट लगाए जाएंगे। दीपावली बाद निर्माण एजेंसी जिला प्रशासन के साथ कब्जा लेना शुरू कर देगी।