काबुल. अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर बीते दिन हुए आतंकी हमलों में अब तक 103 लोगों की जान जा चुकी है. ये संख्या बढ़ती जा रही है. इस बीच बताया जा रहा है कि काबुल एयरपोर्ट ब्लास्ट में तालिबान के 28 लड़ाकों की भी मौत हो गई है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है. तालिबान ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लड़ाके काबुल एयरपोर्ट के बाहर तैनात थे. तालिबान का कहना है कि इन धमाकों में हमने अमेरिका से ज्यादा लोगों को गंवाया है.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा- ‘गुरुवार को हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर पहला ब्लास्ट हुआ. कुछ ही देर बाद एयरपोर्ट के नजदीक बैरन होटल के पास दूसरा धमाका हुआ. यहां ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे. एयरपोर्ट के बाहर तीन संदिग्धों को देखा गया था. इसमें से दो आत्मघाती हमलावर थे, जबकि तीसरा बंदूक लेकर आया था. हमले के तुरंत बाद एयरपोर्ट से तमाम फ्लाइट ऑपरेशन्स बंद कर दिए गए थे.’
US सेंट्रल कमांड के जनरल मैकेंजी ने कहा- ‘फिलहाल, 5 हजार लोग काबुल एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं. इनमें 1 हजार अमेरिकी हैं. 14 अगस्त से अब तक हम एक लाख चार हजार सिविलियंस को निकाल चुके हैं. इनमें से 66 हजार अमेरिका और 37 हजार हमारे सहयोगी देशों के नागरिक हैं.’
इस बीच तालिबान ने पाकिस्तान से अपनी नजदीकियों की बात कबूल की है. तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तानी चैनल ARY न्यूज से बातचीत में कहा है कि पाकिस्तान उनके संगठन (तालिबान) के लिए दूसरे घर जैसा है. जबीउल्लाह ने ये भी कहा है कि अफगानिस्तान की सीमा पाकिस्तान से लगती है. धार्मिक आधार पर भी दोनों देशों के लोग एक-दूसरे से घुले-मिले हुए हैं. इसलिए हम पाकिस्तान से रिश्ते और मजबूत करना चाहते हैं.
जबीउल्लाह ने भारत के साथ भी अच्छे रिश्ते की बात कही है. उसने कहा कि हमारी बस ये इच्छा है कि भारत अफगानियों के हितों के हिसाब से ही अपनी नीतियां तय करे. तालिबान प्रवक्ता ने कश्मीर को लेकर भारत को सकारात्मक रुख अपनाने की नसीहत दी. उसने कहा कि दोनों देशों के हित एक-दूसरे से जुडे हुए हैं, इसलिए हर विवादित मसलों को उन्हें मिल बैठकर सुलझाना चाहिए.