अयोध्या। राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “प्राण प्रतिष्ठापन जब किया जाता है तब उसका एक विधि विधान होता है, क्या ये कार्यक्रम धार्मिक है? अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या विधा विधान से कार्यक्रम किया जा रहा है? अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या चारों पीठों के हमारे शंकराचार्य की सलाह और देख-रेख से इस कार्यक्रम का स्वरूप तय किया जा रहा? चारों शंकराचार्य कह चुके हैं कि एक अधुरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठापन नहीं की जा सकती है। अगर ये कार्यक्रम धार्मिक नहीं है तो ये कार्यक्रम राजनीतिक है भगवत का कहना है कि रामलला के वस्त्र दिन के अनुसार तैयार किए जाते हैं।
सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला और रविवार के लिए गुलाबी रंग का वस्त्र तैयार किया जाता है।भगवत ने बताया कि भगवान रामलला के लिए सात दिन के हिसाब से कपड़े तैयार किए जाते हैं। इसको तैयार करने में लगभग 10 हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें तीन पर्दे,
एक बड़ा बिछौना, छह छोटे बिछौने, छह दुपट्टा और रजाई शामिल हैं।भगवत का कहना है कि जब ट्रस्ट की ओर से हरी झंडी नहीं मिलेगी तो वह आगे काम कैसे बढ़ाएंगे? नाप मिल जाएगा तो अधिकतम दो दिन में सारे कपड़े तैयार हो जाएंगे। भगवत ने बताया कि उन्होंने रामलला की तीन पोशाक फिलहाल तैयार करके रखी हैं। इसमें एक सफेद, दूसरी पीली और तीसरी लाल रंग की है। भगवत के पास प्रदेश ही नहीं देशभर से भक्त फोन करके कपड़ों को तैयार कराने का ऑर्डर दे रहे हैं।